छत्तीसगढ़ में सत्ता के संघर्ष के बीच सीएम भूपेश बघेल दिल्ली आ गए हैं। इससे राज्य में सीएम को बदलने की चर्चाएं और तेज हो गई है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के अलावा सूबे के कृषि मंत्री रविंद्र चौबे और क्लाइमेट चेंज मिनिस्टर मोहम्मद अकबर को भी रायपुर हवाई अड्डे पर देखा गया है। यही नहीं 50 से ज्यादा विधायक पहले से ही दिल्ली में डेरा डाले हुए हैं। कई विधायकों ने सीनियर नेताओं से मुलाकात की कोशिश की है, लेकिन अब तक ऐसा नहीं हो सका है।
दरअसल 2018 में हुए विधानसभा चुनावों के बाद कांग्रेस की ओर से भूपेश बघेल और टीएस सिंहदेव की ओर से सीएम पद के लिए दावा किया गया था। तब बघेल को कमान मिली थी और कहा जा रहा था कि ढाई साल के बाद टीएस सिंह देव सीएम बनाया जाएगा। हालांकि केंद्रीय लीडरशिप या राज्य के किसी नेता की ओर से इस पर आधिकारिक तौर पर कुछ नहीं कहा गया था। दिल्ली के लिए बघेल ने हवाई अड्डे पर मीडिया से बात करते हुए कहा कि उन्हें पार्टी हाईकमान की ओर से बुलाया गया है। इससे कयास लगाए जा रहे हैं कि राज्य के विधायकों की मौजूदगी में सीएम परिवर्तन का फैसला हो सकता है।
बघेल ने कहा, ‘केसी वेणुगोपाल जी ने कल मुझे संदेश भेजा था कि आज मैं राहुल गांधी से मुलाकात करूं। उनके निर्देश के आधार पर मैं दिल्ली जा रहा हूं और इससे ज्यादा मुझे कोई जानकारी नहीं है।’ अन्य कई विधायकों औ मंत्रियों के भी दिल्ली पहुंचने की सवाल पर भूपेश बघेल ने कहा, ‘आखिर वे अपने नेताओं से मिलने क्यों नहीं जा सकते हैं। मुझे भी कॉल मिली तो आज मैं जा रहा हूं। कोरोना काल के चलते कोई भी दिल्ली नहीं आ पाया। ऐसे में अब लंबे समय के बाद सभी नेताओं से मिलने के लिए लोग दिल्ली जा रहे हैं।’
हालांकि इस दौरान भूपेश बघेल ने टीएस सिंह देव के बयान को लेकर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी। टीएस सिंह देव ने कहा था कि यदि कोई प्लेयर टीम में खेलता है तो फिर वह सीएम बनने के बारे में क्यों नहीं सोच सकता। दिसंबर 2018 में हुए विधानसभा चुनावों में कांग्रेस ने 90 में से 68 सीटों पर जीत हासिल की थी। उस दौरान कांग्रेस की लीडरशिप राजस्थान और मध्य प्रदेश में अंतर्कलह को लेकर भी परेशान थी। तब भूपेश बघेल के अलावा ताम्रध्वज साहू, चरणदास महंत और टीएस सिंहदेव सीएम पद के दावेदार थे।