नई दिल्ली: भारत सरकार एक जुलाई से सिंगल यूज प्लास्टिक पर प्रतिबंध लगाने जा रही है। इससे लोगों की रोजमर्रा की जिंदगी पर सीधा असर पड़ेगा, लेकिन प्रदूषण और कचरा कम करने के लिए सरकार यह सख्त कदम उठाने को लेकर प्रतिबद्ध नजर आ रही है। सरकार पहले ही यह निर्देश दे चुकी है कि 30 जून 2022 से पहले स्टाक खत्म कर दिया जाए। सिंगल यूज प्लास्टिक को लेकर भारत और दुनिया में क्या है स्थिति, डालते हैं एक नजर।
भारत में अब तक हुए प्रयास
1. प्लास्टिक अपशिष्ट प्रबंधन नियमों को पहली बार वर्ष 2011 में पर्यावरण संरक्षण अधिनियम, 1986 के अंतर्गत प्रस्तुत किया गया। इन नियमों में अपशिष्ट एकत्रित करने की जिम्मेदारी राज्य निगरानी समितियों की देखरेख में शहरी स्थानीय निकायों पर डाली गई।
2. सिक्किम पहला राज्य है, जिसने 1998 में राज्य में सिंगल यूज प्लास्टिक के उपयोग पर प्रतिबंध लगाया।
3. सरकार द्वारा प्लास्टिक बैग की मोटाई के लिये एक मानक तय किया गया और खुदरा विक्रेताओं द्वारा उपलब्ध कराए जाने वाले बैग के लिये शुल्क वसूलना अनिवार्य कर दिया गया।
4. वर्ष 2016 में इस नियम को और अधिक कठोर बनाया गया।
5. प्लास्टिक प्रदूषण को रोकने के लिए सार्वजनिक स्थलों, राष्ट्रीय संपदाओं, जंगलों और समुद्री तटों पर साफ-सफाई के अभियान आरम्भ किए गए हैं। इसके लिए पूरे देश में लगभग 100 स्मारकों को शामिल किया गया है।
6. केरल में सुचितवा मिशन ने एक परियोजना संचालित की। इसके तहत 28 मछुआरों को बंदरगाह से मछलियां पकड़ने के साथ प्लास्टिक कचरा निकालने की भी जिम्मेदारी सौंपी गई। इस मिशन से 10 महीनों में 25 टन प्लास्टिक कचरे को बाहर निकालने में कामयाब मिली है।
7. प्लास्टिक का उपयोग सड़क निर्माण में करना शुरू कर दिया है।
8. पर्यावरण और पारिस्थितिकी विकास सोसायटी (सीईईडीएस) ने दिल्ली में प्लास्टिक प्रदूषण को कम करने के लिए ‘बीट प्लास्टिक प्रदूषण’ नाम दिया गया है।
इन 19 उत्पादों पर कल से प्रतिबंध
सिंगल यूज प्लास्टिक के लिए जारी केंद्र के निर्देशानुसार प्लास्टिक से बने 19 उत्पादों पर एक जुलाई से पाबंदी लग जाएगी। प्रतिबंधित हो रहे उत्पादों की सूची में झंडे, कैंडी, गुब्बारे, आइसक्रीम में लगने वाली प्लास्टिक स्टिक, थर्माकोल से बनी प्लेट, कप, गिलास, चम्मच, कांटे, प्लास्टिक चाकू, तश्तरी के अलावा प्लास्टिक से बने मिठाई के डिब्बे, निमंत्रण-पत्र और सिगरेट पैकेट की पैकेजिंग में इस्तेमाल होने वाली फिल्म व 100 माइक्रान से कम के प्लास्टिक या बैनर शामिल हैं।
कैट ने मांगा एक साल का समय
व्यापारी संघ कन्फेडरेशन आफ आल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) ने सिंगल यूज प्लास्टिक पर प्रतिबंध को एक साल टालने की मांग की है। कैट ने पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव को पत्र लिखकर कहा है कि इस संबंध में एक समिति बनाई जाए। जिसमें सरकारी अधिकारी और हितधारकों के प्रतिनिधि होंगे और वे मिलकर सिंगल यूज प्लास्टिक का विकल्प ढूंढेंगे।
दुनिया में कहां क्या प्रयास हुए
– वनुआतू दुनिया का पहला देश, जिसने सिंगल यूज प्लास्टिक पर लगाई रोक।
– जर्मनी, फिनलैंड, डेनमार्क और आस्ट्रेलिया के कुछ हिस्सों में प्लास्टिक की खाली बोतलें जमा करने पर दिए जाते हैैं पैसे।
(स्रोत: कैट, आल इंडिया प्लास्टिक मैन्युफैक्चरर्स एसोसिएशन, पीआइबी)