यूपी। चित्रकूट जिले में सिंचाई विभाग के जूनियर इंजीनियर रामभवन की गिरफ्तारी के बाद बच्चों के यौन शोषण मामले में बेहद हैरान करने वाली बातें सामने आ रही हैं. जांच में पता चला है कि आरोपी जूनियर इंजीनियर बच्चों का सिर्फ यौन शोषण ही नहीं कर रहा था बल्कि उनकी वीडियोज पोर्न साइट्स को भी बेच रहा था. यह घिनौना काम वो पिछले दस सालों से कर रहा था.
आरोपी इंजीनियर रामभवन ने पूछताछ में माना है कि अब तक वो पचास से ज्यादा बच्चों के साथ ऐसा कर चुका है. सीबीआई की जांच में ये भी आया कि आरोपी ने ना सिर्फ चित्रकूट बल्कि बांदा और हमीरपुर में भी बच्चों को अपना शिकार बनाया था. सीबीआई को गिरफ्तारी के वक्त छापे में जेई के पास से आठ मोबाइल फोन, आठ लाख रुपये कैश, सेक्स ट्वायज, लैपटॉप और कई डिजिटल उपकरण मिले हैं.
आरोपी ज्यादातर पांच से दस साल के बच्चों को लालच देकर अपने जाल में फंसाता था. सोशल साइट्स के जरिए रामभवन बच्चों से संपर्क करता था और इसके बाद उन्हें मोबाइल, घड़ी, पेन, चॉकलेट आदि का लालच देकर मिलने के लिए बुलाता था. इसके बाद उनके साथ यौन शोषण करके उसका वीडियो डार्क वेब और पोर्न साइट्स को बेच देता था.
बच्चों के इस यौन शोषण मामले में सीबीआई को और भी लोगों के शामिल होने की आशंका है. सीबीआई का मानना है कि रामभवन अकेले यह काम नहीं कर रहा था बल्कि उसके साथ और भी संदिग्ध थे. प्रारंभिक जांच से पता चला कि 50 बच्चे पीड़ित थे, सीबीआई यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि क्या पीड़ित बच्चों की संख्या इससे ज्यादा है.
इस मामले में जल्द ही पीड़ितों के बयान दर्ज किए जाएंगे. बच्चों का यौन शोषण करने वाला ये गिरोह एक दशक से अपना नेटवर्क चला रहा था और बहुत ही चालाकी से काम करता था. अन्य संदिग्धों की पहचान के बारे में रामभवन से पूछताछ की जाएगी. सीबीआई यह पता लगाने की कोशिश भी कर रही है कि रामभवन दुनिया भर में पीडोफाइल चलाने वालों के संपर्क में कैसे आया.
सीबीआई यह भी पता लगाना चाहती है कि वह शख्स कौन था, जिसने रामभवन को डार्क नेट का उपयोग करना सिखाया था. आरोपी रामभवन ने अपनी रियल और वर्जुअल आईडी बनाई हुई थी. रामभवन से बरामद किए गए आठ मोबाइल फोन सहित सभी इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों को फोरेंसिक जांच के लिए भेजा गया है. सीबीआई जांच कर रही है कि उसने फर्जी पहचान पत्र के सहारे सिम कार्ड लिए थे या नहीं.