बालू के अवैध कारोबार में पुलिस कर्मियों की चांदी ही चांदी है। आए दिन पुलिसकर्मियों के खिलाफ उनका ही विभाग कार्रवाई कर रहा है लेकिन इसके बावजूद ये धंधा रुकने का नाम नहीं ले रहा है। ताजा मामला बिहार के छपरा का है जहां 9 पुलिसकर्मियों पर बालू के कारोबार को संरक्षण देने और अवैध उगाही का आरोप लगा है जिसके बाद उनके खिलाफ एसपी ने कार्रवाई की है। सारण के पुलिस अधीक्षक संतोष कुमार ने बालू लदे ट्रकों से अवैध वसूली के आरोप में 9 पुलिसकर्मियों के खिलाफ कार्रवाई की है।
सारण जिले के मकेर व सोनपुर थाना क्षेत्र में बालू के परिवहन करने वाले ट्रकों से अवैध वसूली में संलिप्त 9 पुलिसकर्मियों के बारे में एसपी संतोष कुमार ने बताया कि मकेर थाना क्षेत्र में ट्रक से अवैध वसूली से संबंधित वीडियो कुछ लोगों के द्वारा बनाकर भेजा गया था जिस पर संज्ञान लेते हुए वीडियो की जांच अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी मढौरा से कराई गई। अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी द्वारा वीडियो के जांच के दौरान पाया गया कि वीडियो 26 अक्टूबर के सुबह का है, जिसमें रात्रि गश्ती में प्रतिनियुक्त सहायक अवर निरीक्षक धीरेंद्र सिंह, हवलदार प्रयाग सिंह, सिपाही निरंजन कुमार सिंह, सिपाही कमलेश यादव गृह रक्षक आशुतोष मिश्रा को चिन्हित किया गया।
इन सभी की संलिप्तता बालू के अवैध परिवहन में लगे ट्रकों से वसूली करने में पाई गई। 27 अक्टूबर को सोशल मीडिया के माध्यम से एसपी को सूचना प्राप्त हुई थी। इस मामले की जांच अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी सोनपुर से कराई गई। एसपी ने बताया कि जांच में पाया गया कि सोनपुर थाना क्षेत्र के शिवबचन चौक से गुजर रहे बालू लदे ट्रकों को बिना किसी पुलिस पदाधिकारी के 4 होमगार्ड के जवानों ने पीछा किया था। जिसमें गृह रक्षक अभिषेक कुमार, शिव नंदन राय, मुक्तेश्वर साह, भृगुनाथ राय शामिल थे।
इन लोगों द्वारा निजी स्वार्थ के लिए हाजीपुर सदर थाना क्षेत्र तक पीछा किया गया जिस पर वहां पूर्व से जमावड़ा लगाए अवैध बालू माफिया एवं असामाजिक तत्वों द्वारा गृह रक्षकों को 3 से 4 घंटे तक बंधक बना लिया गया। एसपी ने बताया कि जांच रिपोर्ट के आधार पर अवैध वसूली में संलिप्त सहायक अवर निरीक्षक धीरेंद्र सिंह, हवलदार प्रयाग सिंह, सिपाही निरंजन कुमार सिंह, सिपाही कमलेश यादव को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया, वहीं गृहरक्षक अभिषेक कुमार, शिव नंदन राय, मुक्तेश्वर साह, भृगुनाथ राय, आशुतोष मिश्रा को तत्काल प्रभाव से लाइन हाजिर करते हुए कर्तव्य से वंचित कर दिया गया है। इस पूरे मामले के खुलासे के बाद सारण के एसपी ने मकेर तथा सोनपुर थाना के थाना अध्यक्षों से स्पष्टीकरण की मांग भी की है।