उत्तर प्रदेश के प्रतापगढ़ जिले में लालगंज के एसडीएम ज्ञानेंद्र विक्रम की पिटाई से तहसीलकर्मी सुनील शर्मा की मौत हो गई है। इस मामले में हंगामे के बाद आरोपी एसडीएम के विरुद्ध हत्या का मुकदमा दर्ज कर लिया गया है। वहीं मौत के दो घंटे बाद भी मृत नहीं घोषित करने पर नाराज तहसील कर्मियों ने मेडिकल कॉलेज में जमकर हंगामा किया और अस्पताल के ओटी का गेट तोड़ने का प्रयास किया। तब जमकर मेडिकल कालेज के प्रिंसिपल ने तहसीलकर्मी के शव को अस्पताल से बाहर किया।
इसके बाद मृतक के परिजनों और तहसील कर्मियों ने शव अस्पताल परिसर के एम्बुलेंस में रखकर आरोपी एसडीएम ज्ञानेंद्र विक्रम के विरुद्ध हत्या का मुकदमा दर्ज करने के साथ ही गिरफ्तारी की मांग करने लगे। इस दौरान सैकड़ों सरकारी कर्मचारी करीब 4 घंटे तक हंगामा करते रहे, जिसके बाद मृतक के बेटे की तहरीर पर लालगंज कोतवाली में एसडीएम ज्ञानेंद्र विक्रम के विरुद्ध हत्या, मारपीट की धारा में मुकदमा दर्ज किया गया।
इसके बाद परिजनों का आक्रोश शांत हुआ और वे शव के पोस्टमार्टम के लिए राजी हुए। इस दौरान प्रतापगढ़ मेडिकल कॉलेज में डीएम और एसपी भारी पुलिस बल के साथ मौजूद रहे और परिजनों को समझाने का प्रयास करते रहे।
बता दें कि मृतक सुनील कुमार शर्मा लालगंज तहसील में नायाब नाजिर के पद पर तैनात था। आरोप है कि बीते गुरुवार को एसडीएम लालगंज ज्ञानेंद्र ने तहसील कर्मी के घर पर पहुँचकर उसकी लाठी-डंडे से जमकर पिटाई की। वहीं अगले दिन तहसील कर्मी ने पूरे मामले की शिकायत डीएम से की, लेकिन मामला अफसर से जुड़ा होने के नाते डीएम ने कोई एक्शन नहीं लिया।
वहीं न्याय नहीं मिलने के बाद तहसीलकर्मी की हालत बिगड़ गई, जिसको लालगंज सीएचसी में भर्ती कराया गया, जहां पिटाई से घायल सुनील शर्मा की तबियत में सुधार नहीं होने पर डॉक्टरों ने उसको मेडिकल कालेज रेफर कर दिया। यहीं शनिवार शाम उसने दम तोड़ दिया।
वहीं तहसीलकर्मी की पिटाई के संगीन आरोपों से घिरे एसडीएम पर गिरफ्तारी की तलवार लटक रही है। हत्या का मुकदमा दर्ज होने के बाद पुलिस ने आरोपी एसडीएम की तलाश तेज़ कर दी है। वहीं बताया जाता है मृतक शराब पीने का आदी था, शराब के नशे में तमाम हरकतों से एसडीएम नाराज रहते थे और इसी के चलते एक दिन उसकी जमकर पिटाई कर डाली।