कर्नाटक के चामराजनगर में जिला प्रशासन के विवादित फैसले पर हंगामा खड़ा हो गया है। प्रशासन के नये फरमान में कहा गया है कि यहां जिन लोगों ने वैक्सीन नहीं लिया उन्हें पेंशन और राशन का लाभ नहीं मिलेगा। हालांकि, जिला प्रशासन के इस फैसले से अब कर्नाटक सरकार ने दूरी बना ली है। दरअसल चामराजनगर के डिप्टी कमिश्नर एमआर रवि ने हाल ही में कहा था कि बीपीएल के लाभुकों और पेंशन कार्ड धारकों को इस स्कीम का लाभ लेने के लिए जरुरी है कि वो वैक्सीन लें। जिला प्रशासन का यह आदेश 1 सितंबर से लागू किया गया है। इधर इस पूरे मामले पर कर्नाटक के स्वास्थ्य मंत्री डॉक्टर के. सुधाकर ने बुधवार को कहा, ‘नो वैक्सीन नो पेंशन के बारे में मैं नहीं जानता।’ उन्होंने आगे कहा कि यडगिर, बिदर, कलबुर्गी, चामराजनगर जैसे कुछ जिलों में वैक्सीन को लेकर लोगों के बीच हिचकिचाहट है। इन जिलों में लोग वैक्सीन लेने को लेकर आगे नहीं आ रहे थे। हालांकि, जिला प्रशासन के इस फैसले का बचाव करते हुए राज्य के मंत्री ने कहा कि लोगों के बीच जागरुकता पैदा करने के लिए फैसले लिए जा सकते हैं।
स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि वो डीसी से बात करेंगे। राशन और पेंशन रोके जाने के बजाए लोगों को वैक्सीन लगाने के लिए जागरुक करने की जरुरत है और उन्हें वैक्सीन लगवाने के लिए मनाने की जरुरत है। जिला प्रशासन का यह आदेश ऐसे समय में सामने आया है जब यह आरोप लगाए जा रहे हैं कि राज्य के कुछ ग्रामीण इलाकों में वैक्सीन की भारी कमी है। चामराजनगर में प्रशासन ने कहा था कि लोगों के स्वास्थ्य और उनकी जिंदगी की रक्षा करने को लेकर प्रशासन ने एक अन्य कार्यक्रम शुरू किया है। इस कार्यक्रम के तहत पेंशन और राशन के लाभुकों के लिए कोरोना वैक्सीन को जरुरी कर दिया गया है।
डिप्टी कमिश्नर एमआर रवि ने कहा था कि जिले में करीब 3 लाख बीपीएल और पेंशन कार्ड धारक हैं, जो काफी पिछड़े क्षेत्रों से आते हैं। जिला प्रशासन के इस ऐलान पर कांग्रेस पार्टी की तरफ से तीखी प्रतिक्रिया आई है। कांग्रेस नेता आर ध्रुवनारायाण ने कहा कि गरीब लोगों पर जबरन ऐसे आदेशों को डालना अवैज्ञानिक और गलत है। उन्होंने कहा कि खाद्य सुरक्षा कानून गरीब लोगों के लिए लाया गया है और ऐसे में वैक्सीनेशन को जरुरी बनाना गलत है।