साइबर सेल ने अश्लील वीडियो बनाकर करीब 500 लोगों से रंगदारी वसूलने वाले गिरोह का खुलासा किया है। इन लोगों से करीब 22 करोड़ रुपये की रंगदारी वसूली गई है। गिरोह का सरगना एक ठग दंपत्ति है, जो राजनगर एक्सटेंशन की ऑफिसर सिटी प्रथम में एक फ्लैट किराए पर लेकर कॉल सेंटर का संचालन कर रहे था। पुलिस ने मौके से दंपति और तीन युवतियों को भी गिरफ्तार किया है।
पुलिस अधीक्षक नगर (प्रथम) निपुण अग्रवाल ने बताया कि गुजरात पुलिस से मिले इनपुट पर गाजियाबाद पुलिस की साइबर सेल कई दिन से इस कॉलसेंटर के पीछे लगी थी। इसी क्रम में बैंक डिटेल के जरिए पुलिस को आरोपियों की फोटो मिल गई। फिर नंदग्राम कोतवाली पुलिस के साथ मिलकर साइबर सेल की टीम ने लोकल इनपुट के आधार पर शुक्रवार की सुबह ऑफिसर सिटी प्रथम स्थित एक फ्लैट में दबिश देकर कॉल सेंटर का खुलासा किया है। इस कॉल सेंटर से पुलिस ने एक दंपति समेत व तीन युवतियों को गिरफ्तार किया है।
Watch Video:
मोटी रकम वसूली जाती थी
निपुण अग्रवाल ने बताया कि ये आरोपी सोशल साइट ‘स्ट्रीप चैट डॉट कॉम’ के जरिए लोगों को शिकार बनाते थे और वाट्सएप के जरिए अपने शिकार को वीडियो कॉल कर उनकी अश्लील वीडियो रिकॉर्ड कर लेते थे। फिर आरोपी यही वीडियो उन्हें वापस भेज कर रंगदारी के रूप में मोटी रकम वसूल करते थे।
आस्ट्रेलिया के नागरिक से लिया प्रशिक्षण
गिरोह की सरगना सपना ने इस तरह रंगदारी वसूलने का प्रशिक्षण दो साल पहले एक आस्ट्रेलिया के नागरिक सनी से लिया था। सनी फेसबुक के माध्यम से सपना का दोस्त था। सेक्स चैट के दौरान ही सनी ने सपना को इस तरह रंगदारी वसूलने के टिप्स दिए। उसने सपना को बताया था कि इसमें पकड़े जाने का खतरा कम है। उसी समय से सपना अपने पति योगेश गौतम के साथ मिलकर इस तरह का धंधा कर रही थी।
पुलिस ने किया आठ बैंक खातों का खुलासा
पुलिस ने बताया कि अब तक की पूछताछ और जांच पड़ताल में इन जालसाजों के आठ बैंक एकाउंट का खुलासा हुआ है। इनमें से चार एकाउंट की डिटेल पुलिस के पास आ चुकी है। इसमें करीब चार करोड़ का ट्रांजेक्शन पाया गया है। बाकी एकाउंट की जानकारी जुटाई जा रही है। पुलिस के मुताबिक कुल 22 करोड़ से अधिक की रंगदारी का मामला हो सकता है।
राजकोट से मिली सूचना
साइबर सेल प्रभारी सुमित कुमार ने बताया कि 15 दिन पहले गुजरात से राजकोट पुलिस गाजियाबाद आई थी। वहां की पुलिस के पास कुछ इनपुट थे। वहां की पुलिस ने बताया कि राजकोट के एक कारोबारी ने अपने सीए तुषार के खिलाफ 88 लाख रुपये के गबन का मुकदमा दर्ज कराया था। पुलिस ने जब तुषार से पूछताछ की तो उसने बताया कि वह इस गिरोह के जाल में फंस गया था और उसने कारोबारी के खाते से गबन की गई सारी रकम इनके खाते में जमा की है। पुलिस ने जब इनके खातों को खंगाला तो इस गिरोह का कच्चा चिट्ठा सामने आ गया।
कॉल सेंटर में तीन युवतियों को नौकरी पर रखा हुआ था
क्षेत्राधिकारी (साइबर अपराध) अभय कुमार मिश्रा ने बताया कि इस गिरोह के सरगना एक दंपति है। इनकी पहचान घूकना नंदग्राम के रहने वाले योगेश गौतम और उसकी पत्नी सपना के रूप में हुई है। इन्होंने अपने शिकार को वीडियो कॉल करने के लिए 25 हजार रुपये प्रति माह के वेतन पर तीन युवतियों को रखा था। इन युवतियों को 25 हजार रुपये के अलावा सोशल साइट पर जमा होने वाली रकम का 50 प्रतिशत इनसेंटिव के रूप में मिलता था।
खुद निर्वस्त्र होकर जाल में फंसाती थीं युवतियां
साइबर सेल प्रभारी सुमित कुमार ने बताया कि इस गिरोह की युवतियां लोगों को जाल में फंसाने के लिए पहले खुद निर्वस्त्र होकर अश्लील हरकत करती थीं। वे अपने शिकार को भी निर्वस्त्र होने के लिए प्रेरित करती थीं। चूंकि सोशल साइट पर इनके साथ सेक्स चैट करने पर शिकार को 234 रुपये प्रति मिनट भुगतान करना पड़ता है, इसलिए इनकी ओर से शिकार को वाट्सएप नंबर देकर वीडियो कॉल करती थी। शिकार जैसे ही निर्वस्त्र होता था, ये उनकी वीडियो रिकॉर्ड कर लेती थीं।