किसानों के लिए खुशखबरी! किसान क्रेडिट कार्ड ही बन जाएगा ‘एटीएम’, झटपट मिलेगा पैसा, जानें मंत्रालय का प्लान

Kisan Credit Card. किसानों के लिए खुशखबरी है। पैसों की जरूरत पड़ने पर झटपट पैसा मिल सकेगा। उन्‍हें लंबा इंतजार नहीं करना पड़ेगा। हालांकि यह सुविधा केवल किसान क्रेडिट कार्ड धारकों को मिलेगी। कृषि मंत्रालय किसानों को राहत देने के लिए तैयारी कर रहा है। इसके लिए कमेटी गठन का फैसला कृषि मंत्रालय ले चुका है।

मंत्रालय के अनुसार मौजूदा समय करीब आठ करोड़ किसान क्रेडिट कार्ड बन चुके हैं। इसमें खेती करने वाले किसानों के साथ-साथ पशु पालक भी शामिल हैं। आंकड़ों के अनुसार इन किसानों को वर्ष 2023-24 में 20 लाख करोड़ का लोन दिया गया है।

मंत्रालय ने लिया फैसला

कृषि एवं किसान कल्‍याण मंत्रालय ने किसान क्रेडिट कार्ड योजना की समीक्षा करने के लिए कमेटी के गठन का फैसला किया है। इस कमेटी में कृषि मंत्रालय के अलावा वित्‍त मंत्रालय, नाबार्ड, बैंक समेत कई अन्‍य एजेंसियां शामिल होंगी। मंत्रालय ने अनुसार कमेटी का गठन जल्‍द ही किया जाएगा, जिससे जल्‍द से जल्‍द समीक्षा की जा सके।

इस तरह एटीएम जैसा बन सकेगा किसान क्रेडिट कार्ड

कमेटी समीक्षा के दौरान जिस चीजों पर फोकस करेगी, उनमें किसान क्रेडिट कार्ड की डिजीटल डिलेवरी, सिंपलीफिकेशन और अधिक से अधिक किसानों तक योजना का लाभ पहुंचाना है। सूत्रों के अनुसार डिजीटल डिलेवरी का मतलब क्रेडिट कार्ड से लोन लेने के लिए किसान के जरूरी पेपर डिजीटल हो जाएं। सिंपलीफिकेशन यानी आसानी से उसे लोन दिया जा सके। इस तरह अगर सारे पेपर डिजटल रूप में पहले से बैंक के पास होंगे तो उसे लोन मिलने में समय नहीं लगेगा। जरूरत पड़ने पर तुरंत लोन मिल सकेगा। इस तरह किसान क्रेडिट कार्ड ही एटीएम जैसा हो जाएगा।

किसान क्रेडिट कार्ड के लिए चार चीजें जरूरी

पहला कि किसान के पास आधार, दूसरा बैंक खाता होना चाहिए। तीसरा खेत होने चाहिए, स्‍वयं के पास हों या फिर बटाई में ले रखें हों। यानी जमीन जरूर होना चाहिए। चौथा काम बैंक कर्मी करते हैं। वो देखते हैं कि किसान के पास क्‍या स्किल है। यानी उसके पास जानवर हैं, या सब्‍जी लगा रखी हैं।

ये हैं फायदे

किसान क्रेडिट कार्ड बनने के बाद किसान 1.60 लाख तक लोन बगैर गारंटी के ले सकता है। 3 लाख तक का लोन सात फीसदी ब्‍याज दर उपलब्‍ध होता है। समय पर वापस करने पर 3 फीसदी तक छूट मिल जाती है। इस तरह ब्‍याज के रूप में केवल चार फीसदी ही होना होता है। 12.5 फीसदी प्रेसेसिंग फीस देनी होती है। इसमें सभी तरह के खर्चे शामिल हैं। किसान इस लिंक पर क्लिक कर स्‍वयं भी फार्म ले सकते हैं।

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