असम के कामरूप ग्रामीण जिले में जंगली हाथियों के एक झुंड को भगाने के लिए वन विभाग के कर्मियों द्वारा की गयी गोलीबारी के दौरान दो साल की लड़की की मौत हो गयी और उसकी मां घायल हो गयी। हाथियों ने जिले में एक अन्य व्यक्ति को भी घायल कर दिया है। पुलिस ने शुक्रवार को बताया कि वन विभाग के कर्मी बोको इलाके के बोंदोपारा में पिछले कई दिनों से आतंक मचाने वाले जंगली हाथियों को भगाने में लगे हुए थे और इस दौरान बृहस्पतिवार रात को दुर्घटनावश एक गोली बच्ची और उसकी मां को लग गयी, जो अपने घर के बाहर बैठे हुए थे। बच्ची उस समय अपनी मां की गोद में थी।
वन्य कर्मी दोनों को बोको में एक अस्पताल में ले गए, जहां बच्ची को मृत घोषित कर दिया गया और उसकी मां को गंभीर हालत में गुवाहाटी मेडिकल कॉलेज अस्पताल (जीएमसीएच) में भर्ती कराया गया है। इस बीच, हाथियों ने एक किसान पर हमला कर उसे घायल कर दिया। घायल को जीएमसीएच में भर्ती कराया गया है।
बच्ची की मौत के खिलाफ प्रदर्शन के दौरान गुस्साएं स्थानीय निवासियों ने शुक्रवार को राष्ट्रीय राजमार्ग 17 अवरुद्ध कर दिया और सरकार से जंगली हाथियों द्वारा फसलों को पहुंचाए जाने वाले नुकसान को रोकने के वास्ते कदम उठाने का अनुरोध किया।
पर्यावरण और वन मंत्री परिमल शुक्लबैद्य ने गुवाहाटी में ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया कि वन अधिकारियों का एक उच्च स्तरीय दल यह पता लगाने के लिए इलाके में भेजा गया है कि बच्ची की मौत कैसे हुई और वह वहां मौजूदा हालात की समीक्षा भी करेगा।
उन्होंने कहा, ”यह घटना दुर्भाग्यपूर्ण और त्रासद है। बच्ची की मौत की किसी भी रूप में भरपाई नहीं की जा सकती लेकिन मैंने प्राधिकारियों को शोक संतप्त परिवार को तुरंत अनुग्रह राशि देने का निर्देश दिया है।”