नीमच. देशभर में कोरोना वायरस की वजह से लॉकडाउन लागू है. हाल ही में लॉकडाउन की खबर सुनते ही दिल्ली और अन्य राज्यों में रहने वाले मजदूरों ने पैदल ही अपने घर की तरफ रुख कर दिया. हाल ही में नीमच से एक तस्वीर सामने आई है जिसमें महाराष्ट्र से पैदल लौट रहे युवक को पुलिस ने लिफ्ट तो दी, लेकिन उसके गाड़ी के बाहर लटका कर 15 किलोमीटर तक ले गयी. इस घटना की तस्वीर और वीडियो की चर्चा सोशल मीडिया पर भी है. पुलिस ने संभवत: कोरोना के भय से सोशल डिस्टेंस बनाए रखने के लिए ऐसा किया. एसपी ने कहा ये पुलिस का अति उत्साह में उठाया गया. कदम था जो घातक साबित हो सकता था.
नीमच की मनासा थाना पुलिस का एक वीडियो सामने आया है. इसे कोरोना वायरस का डर कहें या पुलिस के अति उत्साह में की गई लापरवाही, जिसने एक युवक की जान को जोखिम में डाल दिया. यहां महाराष्ट्र से लौट रहे एक युवक को पुलिस करीब 15 किलोमीटर तक अपने वाहन के पीछे फुट रेस्ट पर लटका कर ले गई. दरअसल मनासा पुलिस को सूचना मिली थी कि एक युवक महाराष्ट्र से पैदल आ रहा है. वो नलखेड़ा गांव के नज़दीक से गुजर रहा है. सूचना पर पुलिस नलखेड़ा गांव में युवक से पूछताछ की ओर उसे जांच के लिए अपने वाहन के पीछे लटका कर मनासा ले आई.
इस दौरान करीब 15 किलोमीटर तक युवक पुलिस वाहन के पीछे लटका रहा. गनीमत यह रही कि इस दौरान कोई हादसा नहीं हुआ वरना पुलिस की लापरवाही का खामियाजा युवक को भुगतना पड़ता. युवक मनासा के साकरियाखेड़ी गांव का रहने वाला है. वो मजदूरी के लिए महाराष्ट्र गया था. लॉक डाउन और कोरोना संक्रमण के कारण मज़दूरी बंद हुई तो युवक वहीं फंसा रह गया. कोई और साधन ना मिलने पर वो पैदल ही अपने गांव के लिए लौट पड़ा. रास्ते में वो पुलिस के हत्थे चढ़ गया.
इस मामले की भनक जब एसपी मनोज कुमार राय को लगी तो उन्होंने भी इसे गंभीरता से लिया. उन्होंने कहा लगता है पुलिसकर्मी अपने कर्तव्य के प्रति अति उत्साह में इस तरह का कदम उठा गए. उन्होंने माना कि ये पुलिस और युवक दोनों के लिए घातक हो सकता था. एसपी ने कहा- हमने संबंधित अफसर को पूरे मामले की जानकारी दे दी है. मामले की जांच कराके आवश्यक कार्रवाई की जाएगी.