हनीट्रैप एक ऐसा कपट, जिसमें एक आकर्षक व्यक्ति (पुरुष या स्त्री) दूसरे व्यक्ति (पुरुष या स्त्री) को कोई जानकारी हासिल करने या कुछ गलत करने के लिए लुभाता है। ऑक्सफोर्ड लैंग्वेजेज द्वारा तैयार की गई गूगल की अंग्रेजी डिक्शनरी में हनीट्रैप की यही परिभाषा है। ये परिभाषा इतना समझने के लिए काफी है कि किसी को भी हनीट्रैप में फंसाकर कोई गलत काम करवाया जा सकता है।
इन दिनों फेसबुक पर हनीट्रैप के जरिए लोगों से लगातार ठगी हो रही है। हाल ही में एक केस आया है, जिसमें एक 44 वर्षीय डॉक्टर को 2 करोड़ रुपये से ज्यादा की चपत लगा दी। डॉक्टर को हनीट्रैप में कैसे फांसा गया, ये समझना इसलिए जरूरी है ताकि आपके साथ कभी न हो।
हनीट्रैप का टूल सोशल मीडिया
जिस डॉक्टर को 2 करोड़ रुपये की चपत लगाई गई, वह दिल्ली के काफी मशहूर डॉक्टर हैं। ये डॉक्टर महेश (काल्पनिक नाम) फेसबुक पर एक लड़की के संपर्क में आया। लड़की ने डॉक्टर महेश को बताया कि वह एक अमीर फैमिली से ताल्लुक रखती है और दुबई में उनका बड़ा कारोबार भी है। दोनों में कई दिनों तक बातें होती रहीं। उसी लड़की का प्रोफाइल फेसबुक के अलावा इंस्टाग्राम और अन्य सोशल मीडिया पर मौजूद था। ऐसे में डॉक्टर महेश ने उस पर भरोसा कर लिया।
पैसा लेने की तरकीब
फेसबुक पर दोस्त बनी लड़की ने एक दिन डॉक्टर को बताया कि उसकी बहन का अपहरण हो गया है। अपहरण करने वालों ने उसे छोड़ने की एवज में दो करोड़ रुपये की फिरौती मांगी है। डॉक्टर महेश को ज़रा भी अंदेशा नहीं था कि उसने साथ फ्रॉड चल रहा है। डॉक्टर महेश ने लड़की की मदद के लिए दो करोड़ रुपये बताए पते पर जाकर एक व्यक्ति को सौंप दिए। तारीख थी 12 अगस्त। इसके बाद डॉक्टर की दोस्त बनी लड़की ने डॉक्टर को धन्यवाद देते हुए बताया कि उसकी बहन सुरक्षित घर लौट आई है।
फिर एक दिन लड़की ने डॉक्टर को एक बैंक अकाउंट दिया और 7 लाख 20 हजार रुपये जमा करवाने को कहा। डॉक्टर साहब इतने भोले कि उन्हें अभी तक पता नहीं चला कि ये सब फर्जीवाड़ा चल रहा है। लड़की के कहने पर डॉक्टर ने ये 7 लाख रुपये भी डिपॉजिट करवा दिए।
फोन नंबर बंद, सोशल मीडिया से गायब
कुल मिलाकर 2 करोड़ 7 लाख 20 हजार रुपये की चपत लगाने के बाद उस लड़की ने अपना फोन नंबर बंद कर लिया और सोशल मीडिया पर अपने अकाउंट्स को भी हटा लिया। जब कुछ दिनों तक कोई खोज-खबर नहीं मिली तो डॉक्टर साहब को ठगी का एहसास होने लगा।
लड़की नहीं थी डॉक्टर को फंसाने वाली
डॉक्टर महेश ने इस पूरे मामले में पुलिस को रिपोर्ट दी। पुलिस ने कार्रवाई शुरू की और पाया कि जिस लड़की से डॉक्टर की बात हो रही थी, वो लड़की नहीं बल्कि लड़का है और महाराष्ट्र को यवतमाल जिले का रहने वाला है। उसने सिर्फ 12वीं तक की पढ़ाई की है। पुलिस ने आरोपी का नाम संदेश मानकर बताया है और उसके पास से 1.97 करोड़ रुपये कैश भी बरामद किया गया है। फिलहाल वह 7 सितंबर तक की पुलिस रिमांड पर है।
क्या सिखाता है ये घटनाक्रम
इस पूरे किस्से से यह बात एक बार फिर साबित होती है कि ऑनलाइन धोखाधड़ी के केस लगातार बढ़ रहे हैं और पढ़े-लिखे समझदार लोग भी इसका शिकार हो रहे हैं। कभी फोन के सिम की KYC के नाम पर, तो OLX के माध्यम से तरह-तरह के मकड़जाल फैले हुए हैं।
इन सबसे बचकर रहने का एकमात्र सूत्र यह है कि आप किसी अनजान शख्स पर न तो भरोसा करें और न ही कभी पैसा दें। आपको अपनी निजी जानकारियों को निजी ही रखना चाहिए।