उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर में आठ साल की बच्ची से रेप और हत्या के आरोपी को कोर्ट ने फांसी की सजा सुनाई है। इसके साथ ही उस पर 1.40 लाख रुपए का जुर्माना भी कोर्ट ने लगाया है। स्पेशल पॉक्सो कोर्ट की जज डॉ.पल्लवी अग्रवाल ने आरोपी अशोक को मामले में दोषी करार देते हुए यह सजा सुनाई।
एडीजीसी सुनील कुमार ने बताया कि पुलिस ने बच्ची का शव अभियुक्त की निशानदेही पर गन्ने के खेत से बोरे में बंद बरामद किया था। 4 अगस्त 2020 को खुर्जा के गांव सीकरी का निवासी पीड़ित अपनी पत्नी के साथ ससुराल गया था। वह अपनी बेटी को घर छोड़ गया था। घर लौटने पर उसकी 8 वर्षीय बेटी लापता मिली। काफी तलाशने के बाद गांव के एक युवक के साथ बच्ची को देखने का पता चला।
पुलिस ने आरोपी अशोक को हिरासत में लेकर सख्ती से पूछताछ की तो उसकी निशानदेही पर गन्ने के खेत से बोरे में बंद बालिका के शव को बरामद किया गया। पुलिस ने जांच पूरी कर आरोप पत्र कोर्ट में दाखिल कर दिया। मामले की सुनवाई अपर सत्र न्यायाधीश ( स्पेशल जज पोस्को एक्ट) डॉ. पल्लवी अग्रवाल ने की। न्यायाधीश ने गवाहों के बयान, साक्ष्यों का अवलोकन और दोनों पक्षों के अधिवक्ताओं की दलीलों को सुनने के बाद आरोपी अशोक को दोषी पाया। न्यायाधीश ने अभियुक्त अशोक को फांसी और 1.40 लाख रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई है।
अदालत के फैसले पर संतोष जताते हुए मारी गई बच्ची के पिता ने कहा कि यह न्याय की जीत है। आज उनका यकीन न्याय व्यवस्था पर कहीं अधिक बढ़ गया है। उन्होंने बताया कि 4 अगस्त 2020 को उनकी दोनों बेटियां जामुन बीनने गई थीं। एक वापस घर लौट आई जबकि दूसरी को दरिंदा अशोक बहाने से अपने साथ जंगल में लेते गया।
पिता ने बताया जंगल में अशोक ने उनकी आठ साल की उनकी मासूम बच्ची के साथ दुष्कर्म किया और इस दौरान चीखने-चिल्लाने पर गला दबाकर उसकी हत्या कर दी। पिता ने कहा कि अशोक ने जो कृत्य किया उसे किसी भी हाल में क्षमा नहीं किया जा सकता। उसकी सजा मौत से कम कुछ हो ही नहीं सकती थी। आज न्यायालय ने सजा ए मौत सुनाकर मेरी बेटी के साथ इंसाफ किया है।