प्रयागराज/उत्तर प्रदेश. इलाहाबाद हाईकोर्ट ने खेती से जुड़े काम के लिए बनाए जाने वाले ट्रैक्टर-ट्राली का इस्तेमाल ईंट-बालू, मोरंग, गिट्टी आदि की दुलाई में किए जाने से दुर्घटनाओं में होने वाली मौतों को गंभीरता से लिया है और सरकार को इस पर लगाम लगाने के निर्देश दिए है। कोर्ट ने ट्रैक्टर-ट्राली का इस्तेमाल कृषि कार्य में ही करने की सलाह देते हुए यूपी के परिवहन विभाग से जरूरत पड़ने पर इसके लिए कानून बनाने को भी कहा है।
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यह आदेश जस्टिस शेखर कुमार यादव की सिंगल बेंच ने यूपी के फिरोजाबाद जिले के अरांव थानाक्षेत्र में ट्रैक्टर ट्राली से दुर्घटना में युवक की मौत के आरोपी संजय की जमानत अर्जी को खारिज करते हुए दिया है। कोर्ट ने अपने फैसले में कहा है कि अक्सर यह देखने में आता है कि जिन ट्रैक्टरों का काम खेती से संबंधित होता है। जिनसे खेतों की जोताई, बुआई, कटाई व खेती के लिए फसल एवं बीज की दुलाई का काम होता है, उन पर गैर कानूनी तरीके से ईंट, बालू, मोरंग, गिट्टी आदि की दुलाई की जाती है।
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दूसरे व्यवसायिक कामों में इस्तेमाल होने की वजह से इन ट्रैक्टर ट्राली को प्रमुख सड़कों, भीड़ भाड़ वाले रास्तों व बाजारों के बीच चलाया जाता है। ट्रैक्टर की ट्राली काफी बड़ी होती है, जिससे न सिर्फ अक्सर ट्रैफिक जाम होता है, बल्कि यह हादसे का सबब बन जाते हैं और एक्सीडेंट में कई बार लोगों की जान भी चली जाती है।
अदालत ने अपने फैसले में कहा है कि ट्रैक्टर ट्राली की बनावट इस प्रकार होती है कि उसे खेत में ही चलाया जा सकता है। ट्रैक्टर आगे से बहुत छोटा और उसके पीछे लगी ट्राली ट्रैक्टर से चार गुना बड़ी होती है। उसमें न तो लाइट लगी होती है और न ही इंडीकेटर होता है। रात में पीछे से दिखाई न देने के कारण अक्सर इससे दुर्घटनाएं होती हैं और जानें चली जाती हैं। अधिकतर ऐसे लोग भी ट्रैक्टर ट्राली चलाते हैं, जिनके पास ड्राइविंग लाइसेंस भी नहीं होता।
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कोर्ट ने कहा है कि पंजीकृत ट्रैक्टर-ट्राली का उपयोग गैर कृषि कार्यों के लिए किया जाना केन्द्रीय मोटरयान अधिनियम 1988 एवं उत्तर प्रदेश मोटरयान कराधान अधिनियम 1998 का उल्लघंन है। समय-समय पर परिवहन विभाग द्वारा भी यह बताया जाता है कि ट्रैक्टर-ट्राली को अनावश्यक रूप से मुख्य मार्गों पर न चलाया जाए। ऐसे में परिवहन विभाग से अपेक्षा की जाती है कि इस प्रकार के अनाधिकृत ट्रैक्टर ट्रालियों पर अंकुश लगाए, ताकि इससे होने वाली दुर्घटना और मौत पर अंकुश लग सके। अदालत ने यह सुझाव भी दिया है कि खेती के काम में उपयोग होने वाले ट्रैक्टर-ट्राली का इस्तेमाल अनाज ढोने के लिए न करें, बल्कि अन्य माल ढोने वाले वाहनों के प्रयोग के लिए किसानों को प्रेरित किया जाए। जरूरत पड़ने पर इस पर कानून बनाने पर भी विचार करे।
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