कर्नाटक की राजधानी बेंगलुरु में बच्चों में हो रहे कोरोना संक्रमण को लेकर अभिभावकों और प्रशासन में हड़कंप मच गया है। बीते 1 से 11 अगस्त के दौरान 0-18 आयु समूह के 543 बच्चे कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं। इतनी बड़ी संख्या में बच्चों के कोरोना पॉजिटिव होने से बच्चों में कोरोना के असर की आशंकाओं को बल मिलने लगा है। बता दें कि ऐसी आशंका जाहिर की जा चुकी है कि तीसरी लहर में बच्चों पर कोविड का व्यापक असर पड़ सकता है।
बेंगलुरु महानगर पालिका द्वारा जारी किए गए आंकड़ों के मुताबिक 1 से 11 अगस्त के बीच 0-9 उम्र के 88 बच्चे, 10-19 उम्र के 305 बच्चे कोरोना संक्रमित हुए हैं। इस बीच कर्नाटक सरकार भी घोषणा कर चुकी है कि वो 9-12 क्लास के बच्चों के लिए स्कूल दोबारा खोल सकती है। स्कूल इस महीने के आखिरी तक खोले जा सकते हैं।
क्या बोले स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी
स्वास्थ्य विभाग के एक अधिकारी ने कहा है कि बच्चों में कोरोना के मामले कुछ दिनों में तीन गुना तक बढ़ सकते हैं और ये बड़ी चिंता का विषय है। उन्होंने कहा- “हम सिर्फ इतना कर सकते हैं कि इस वायरस से अपने बच्चों को बचाने के लिए उन्हें घरों के भीतर रखें। बड़ों की तुलना में बच्चों की प्रतिरोधक क्षमता उतनी ज्यादा नहीं होगी। अभिभावकों के लिए ये बेहद जरूरी है कि वो अपने बच्चों को घरों के भीतर ही रखे।”
कर्नाटक सरकार ने पहले ही आदेश दिया हुआ है कि राज्य में नाइट कर्फ्यू और वीकेंड कर्फ्यू की व्यवस्था जारी रहेगी। इसके अलावा केरल और महाराष्ट्र से लगनी वाली सीमाओं पर भी प्रतिबंध लगाए गए हैं। सिर्फ वो ही लोग राज्य में प्रवेश कर सकते हैं जिनके पास 72 घंटे पहले तक की RTPCR नेगेटिव रिपोर्ट होगी।
बीते महीने के दौरान कर्नाटक रोजाना करीब 1500 नए मामले देख रहा है। नए मुख्यमंत्री बासवराज बोम्मई ने हर महीने वैक्सीनेशन की रफ्तार 65 लाख से 1 करोड़ करने का वादा किया है।