Meraj Zaidi passes away: मेराज जैदी अपने पीछे बेटे शोएब, शेखू, शेरू और बेटियों सुनैना, उजमा से भरापूरा परिवार छोड़ गए हैं। मूलरूप से उन्नाव में जन्मे मेराज अरसा पहले दांदूपुर के ही हो गए थे। उन्होंने झांसी की रानी, वीर शिवाजी, शोभा सोमनाथ की, आपकी अंतरा, राजा का बाजा सहित दर्जनों धारावाहिकों के लिए कथा, पटकथा, संवाद लेखन किया था।
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वीरांगना झांसी की रानी लक्ष्मीबाई को छोटे पर्दे पर जीवंत करने वाले सुप्रसिद्ध पटकथा लेखक मेराज जैदी नहीं रहे। बृहस्पतिवार की भोर में तकरीबन तीन बजे उन्होंने अपने दांदूपुर स्थित आवास पर अंतिम सांस ली। वह तकरीबन 76 वर्ष के थे और बीते एक माह से बीमार थे। दोपहर बाद उन्हें दांदूपुर कब्रिस्तान में सुपुर्दे खाक कर दिया गया।
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वह अपने पीछे बेटे शोएब, शेखू, शेरू और बेटियों सुनैना, उजमा से भरापूरा परिवार छोड़ गए हैं। मूलरूप से उन्नाव में जन्मे मेराज अरसा पहले दांदूपुर के ही हो गए थे। उन्होंने झांसी की रानी, वीर शिवाजी, शोभा सोमनाथ की, आपकी अंतरा, राजा का बाजा सहित दर्जनों धारावाहिकों के लिए कथा, पटकथा, संवाद लेखन किया था।
संवाद लेखन के अतिरिक्त वह मशहूर नाट्य निर्देशक, गीतकार और अभिनेता भी रहे। उन्होंने हॉलीवुड फिल्म गोंगर 2 में अपनी अदाकारी से दुनिया का ध्यान खींचा था। लोक संस्कृति विकास संस्थान के निदेशक शरद कुमार मिश्र ने कहा, इतनी बेबाक जिंदगी और ऐसा तरंगित शब्द सागर इतनी खामोशी से विदा होगा, सोचा नहीं था।
इलाहाबाद पर्यटन विकास समिति के अध्यक्ष हसन नकवी ने कहा, जैदी का जाना अपूरणीय क्षति है। वह अजीम शख्सियत के मालिक थे। उनकी अंतिम यात्रा में परिजनों के अतिरिक्त बड़ी संख्या में लेखक, रंगकर्मी, रचनाकार मौजूद रहे।