मेरठ। मेरठ की मेयर सुनीता वर्मा का एक वीडियो सोशल मीडिया पर ख़ूब वायरल हो रहा है। इस वायरल वीडियो में मेयर साहिबा माइक पटककर कुर्सी से उठती हुई नजर आ रही हैं। मेयर साहिबा ने पहले एक बार माइक को मेज़ पर पटका। फिर दूसरी बार जब वो खड़ीं हुईं तब इतनी ज़ोर से माइक मेज़ पर पटका कि एक पार्षद माइक के प्रहार से घायल होते होते बचा। जैसे ही मेयर साहिबा कुर्सी छो़ड़कर गईं कई पार्षद और ज्यादा हंगामा करते नज़र आए। जिस वक्त मेयर साहिबा माइक पटककर उठीं पार्षदों के अलावा नगर आयुक्त मनीष बंसल और अपर नगरआयुक्त श्रद्धा शांडिल्यान भी अपनी अपनी कुर्सी पर बैठी थी। बाद में ये दोनों भी चलते बने। लगातार पार्षद एक ही नारा लगाते नज़र आए तानाशाही नहीं चलेगी।
दरअसल 9 महीने बाद मंगलवार को हुई नगर निगम की बोर्ड बैठक में ये हंगामा हुआ था। भाजपा पार्षद पहले जनसमस्याओं पर चर्चा चाहते थे, जबकि महापौर पहले बजट पर जोर दे रही थीं। इसी पर बात बिगड़ गई। सवा घंटे सदन में हंगामा होता रहा, डायस पीटा गया, माइक टूटे और जमकर नारेबाजी हुई। हंगामे के बीच महापौर गुट बिना चर्चा किए ही 678 करोड़ का पुनरीक्षित बजट पास कर सदन से चला गया था।
वंदेमातरम् के बाद जैसे ही महापौर सुनीता वर्मा ने पुनरीक्षित बजट पर चर्चा शुरू कराई। भाजपा पार्षद खड़े हो गए। बोले, पहले जनसमस्याओं पर चर्चा कर ली जाए। इस पर महापौर ने कहा कि पहले बजट पर चर्चा होगी।
बीजेपी पार्षदों ने किया हंगामा
महापौर के इतना कहते ही पार्षद डायस के पास पहुंच गए और सदन में ही धरने पर बैठ गए। देखते ही देखते पार्षद दल नेता समेत सभी भाजपा पार्षद भी डायस पर पहुंच गए और हंगामा शुरू कर दिया। महापौर, नगर आयुक्त समेत डायस पर मौजूद अन्य अधिकारी पार्षदों को शांत कराते कि डायस को पीटना शुरू कर दिया। इस अफरा-तफरी में महापौर के हाथ में मौजूद माइक और डायस पर रखा एक और माइक टूट गया। हंगामा बढ़ते ही महापौर समेत नगर आयुक्त मनीष बंसल समेत अन्य अधिकारी सदन छोड़कर बाहर चले गए।
भाजपा पार्षदों ने जय श्री राम के नारे लगाने शुरू कर दिए. महापौर पर माइक तोड़ने का आरोप लगाते हुए महापौर हाय-हाय, तानाशाही नहीं चलेगी, हिटलरशाही नहीं चलेगी, माफी मांगे महापौर, अफसरों को लूटने नहीं देंगे। नारेबाजी शुरू कर दी। इसी बीच सदन में पुलिस पहुंच गई थी। नगर आयुक्त और अपर नगर आयुक्त शांत होने की अपील करते रहे। फिर भी स्थिति नहीं संभली तो सिटी मजिस्ट्रेट सत्येंद्र सिंह और सीओ कोतवाली अरविंद चौरसिया को बुलाया गया। फिर भी पार्षदों को शांत कराने की कोशिशें नाकाम रही। इस दौरान कई मर्तबा मेयर गुट के पार्षद और भाजपा पार्षद आमने-सामने आए। धक्का-मुक्की की नौबत तक बनी।
वहीं महापौर सुनीता वर्मा ने मीडिया से बातचीत में कहा कि कि मैंने माइक नहीं फेंका है। भाजपा पार्षदों का यह आरोप गलत है। पुनरीक्षित बजट पर चर्चा होनी थी। भाजपा पार्षदों ने बैठक शुरू होते ही हंगामा कर दिया। उपाध्यक्ष के चुनाव में मिली हार से भाजपा पार्षद हताश थे। बजट पर चर्चा के बाद जन समस्याओं पर चर्चा की जा सकती थी। बैठक में कुल 66 पार्षदों की उपस्थिति थी, जिसमें 37 पार्षद मेयर गुट व सर्वदलीय पार्षद दल के थे। बहुमत के आधार पर पुनरीक्षित बजट पास कर दिया गया है।
पुनरीक्षित बजट के बाद अब नगर निगम की कार्यकारिणी में वर्ष 2021-22 के लिए मूल बजट लाने की तैयारी है। महापौर सुनीता वर्मा ने कार्यकारिणी की तिथि 18 मार्च निर्धारित की है। वहीं, कार्यकारिणी में मूल बजट पास होने के उपरांत बोर्ड बैठक में चर्चा के लिए रखा जाएगा, जो 25 मार्च को प्रस्तावित है।