देश की राजधानी दिल्ली में साइबर अपराध के मामले लगातार बढ़ने लगे हैं। कोरोना काल में साइबर अपराध में दोगुना बढ़ोतरी हुई है। कोरोना काल में जहां देशभर में लाकडाउन था, वहीं साइबर ठग बेलगाम रफ्तार पकड़ रहे थे। दिल्ली पुलिस के आंकड़े तो कुछ ऐसा ही बयां करते हैं। 2020 में साइबर सेल यूनिट में 2062 मामले दर्ज हुए थे, जो 2019 की तुलना में करीब 22 फीसद अधिक हैं। आंकड़ों को देखें तो पिछले साल हर दिन करीब 80 से 100 केस दर्ज हुए थे। इस साल अब तक 1400 मामले दर्ज हो चुके हैं। उक्त मामलों में 1200 से अधिक आरोपितों की गिरफ्तारी हो चुकी है। वहीं, लोगों को दिल्ली पुलिस भी साइबर अपराध की चपेट में आने से बचने के लिए लगातार सुझाव भी दे रही है।
वहीं, लाकडाउन में साइबर अपराध दोगुना बढ़ने के पीछे अधिकारियों का दावा है कि इंटरनेट मीडिया की भूमिका 24 फीसद है। कोरोना काल में ठगों ने बड़ी संख्या में डाक्टरों को शिकार बनाया। सेनेटाइजर, मास्क और पीपीई किट की आनलाइन ब्रिकी को लेकर भी आनलाइन ठगी के कई मामले दर्ज हुए। पिछले साल जनवरी से मार्च तक जहां साइबर अपराध का आंकड़ा दो हजार था, वहीं अप्रैल से जुलाई के बीच चार हजार से ज्यादा शिकायतें पुलिस को हर माह मिल रही थी। पिछले साल कुल दर्ज साइबर ठगी के केस में आनलाइन वित्तीय धोखाधड़ी की हिस्सेदारी जहां 62 फीसद थी, वहीं इंटरनेट मीडिया से संबंधित अपराध 24 फीसद रहे। इसके अलावा 14 फीसद अन्य तरह के अपराध हुए।
कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर में लोगों को आक्सीजन व दवाओं आदि के लिए दर-दर भटकना पड़ा। इस संकट का आपदा के असुर बने साइबर ठगों की जमात ने भी खूब फायदा उठाया। चिकित्सा उपकरण व दवाओं को मुहैया कराने के नाम पर आनलाइन धोखाधड़ी के मामले इस साल अप्रैल में इतने बढ़ गए कि दिल्ली पुलिस दिल्ली पुलिस को ठगी की शिकायत दर्ज कराने के लिए कोविड हेल्पलाइन जारी करना पड़ा। इसके साथ ही स्पेशल सेल व क्राइम ब्रांच को भी धोखाधड़ी के मामलों की जांच में लगा दिया गया। एक माह में ही पुलिस के हेल्प लाइन नंबर व ईमेल पर 910 शिकायतें मिली।
ऐसे बचें साइबर अपराधियों से
- इंटरनेट मीडिया पर सक्रिय हैं तो फ्रेंड रिक्वेस्ट स्वीकार करने से पहले उसके बारे में जानकारी जुटा लें
- अगर आपको जरा भी शक हो तो तत्काल ब्लाक कर दें।
- लड़कियों और महिला को साइबर अपराधी ज्यादा शिकार बनाते हैं, ऐसे में इन्हें ज्यादा सतर्क रहना चाहिए।
- अनजान लोगों से इंटरनेट मीडिया पर दोस्ती से बचें।
- अपनी निजी जानकारी इंटरनेट मीडिया पर शेयर नहीं करें।
बैंक खातों पर पुलिस की धरपकड़
पुलिस ने कोरोना महामारी के दौरान धोखाधड़ी में शामिल 214 बैंक खातों में से 53 लाख 60 हजार रुपये सीज किए। 6 लाख 60 हजार बैंक खातों में होल्ड करा दिया गया। इस साल अप्रैल माह में पुलिस की 20 टीमों ने सात राज्यों में छापेमारी कर 91 आरोपितों को गिरफ्तार कर 861 मोबाइल नंबर ब्लाक करवाए। इसके अलावा 168 मोबाइल नंबर कोविड स्कैम के रूप में ब्लैक लिस्ट किए गए। ठगों से निपटने के लिए उठाए कदम जिला साइबर सेल और थानों में तैनात साइबर सेल के कर्मियों को विशेष ट्रेनिंग दी गई है। उन्हें क्रिप्टो करंसी से धोखाधड़ी की जांच, अवैध काल सेंटर पकड़ने, यूपीआइ और क्यूआर कोड की जांच करने में दक्ष बनाया गया। इसके साथ ही सरकार के विभिन्न विभागों के नाम से चल रही नकली वेबसाइटों को पकड़ने के लिए भी पुलिस को निपुण बनाया गया। आयुष्मान भारत और पीएम केयर फंड जैसी नकली वेबसाइट बनाकर ठगी करने वाले कई गिरोहों को दबोचा गया। साथ ही मेवात क्षेत्र के सिंडिकेट को तोड़ा गया है।