नई दिल्ली / दिवाली के बाद एक बार फिर दिल्ली को स्मॉग ने घेर लिया है। इससे दिल्ली वासियों के लिए परेशानियां बढ़ गई हैं। दिल्ली की वायु गुणवत्ता सूचकांक एक बार फिर ‘गंभीर’ की श्रेणी में पहुंच गया है। बीते दो दिन से हवा का स्तर बद से बदतर होता जा रहा है। शनिवार को हवा में घुलने वाले हानिकारक पार्टिकल्स यानी पीएम10 का स्तर 412 पहुंच गया, जबकि वहीं पीएम 2.5 का स्तर 286 पर रहा। डॉक्टर्स ने आशंका जताई है कि आने वाले दिनों में राजधानी में कोराेना संक्रमण के केस बढ़ सकते हैं और छोटे बच्चों के दिमागी विकास पर भी गहरा असर पड़ सकता है। गुरुग्राम पारस हॉस्पिटल के डॉक्टर अरुणेश कुमार ने एएनआई को बताया कि सर्दी और धुंध बढ़ने से ठंडी हवा में ड्रॉपलेट में काेराेना वायरस के फैलने का अंदेशा सबसे ज्यादा होता है।
मेदांता अस्पताल के अध्यक्ष और एमडी डॉ नरेश त्रेहन ने आगाह किया कि इस हवा की वजह से अस्थमा और फेफड़ाें के रोगियों ने सिरदर्द, सांस लेने में तकलीफ आदि की शिकायत की है। इससे छोटे बच्चों के दिमाग पर भी गहरा असर होगा। अस्पताल मरीजों से भरे हुए हैं। हर साल हम ऐसी ही परेशानियों से जूझते हैं।
दिवाली वाले दिन से राष्ट्रीय राजधानी में हवा की गुणवत्ता गंभीर स्तर पर बनी हुई है। आतिशबाजी के साथ साथ पराली जलाने की समस्या ने राजधानी समेंत कई राज्यों में बड़ी मुश्किल पैदा कर दी है। शनिवार दोपहर तीन बजे आनंद विहार में एयर क्वालियी इंडेक्स 600 से ज्यादा दर्ज किया गया। अगर दिल्ली के ओवर ऑल एक्यूआई के बारे में बात करें तो सिस्टम ऑफ एयर क्वालिटी एंड वेदर फॉरकास्टिंग एंड रिसर्च के अनुसार यह 456 था।
वायु प्रदूषण पर जारी एक रिपोर्ट के अनुसार इस साल की दिवाली पिछले छह सालों में सबसे ज्यादा प्रदूषण फैलाने वाली थी। पूरे देश में सबसे ज्यादा प्रदूषित शहर नोएडा जबकि दूसरे नंबर पर गुरुग्राम रहा। नोएडा में एक्यूआई 475 दर्ज किया गया। हवा में धुंआ फैलने की वजह से कई लोगों को हफन की भी समस्या देखने को मिल रही है।
वायु प्रदूषण के खतरनाक स्तर में पहुंचने के बाद अब दिल्ली एम्स के डायरेक्टर रणदीप गुलेरिया ने भी चेतावनी दी है। उन्होंने कहा कि वायु प्रदूषण बढ़ने से कोरोना वायरस का खतरा बढ़ सकता है। डॉ. गुलेरिया ने कहा कि कोरोना का वायरस प्रदूषण में ज्यादा देर तक रहता है और इस वजह से संक्रमण का खतरा बढ़ सकता है।