नई दिल्ली। भारत में इस समय इलेक्ट्रिक व्हीकल का बाजार तेजी से बढ़ रहा है, एक तरफ जहां इलेक्ट्रिक स्कूटर बिक्री में बढ़ोतरी देखने को मिल रही है, वहीं दूसरी ओर इलेक्ट्रिक स्कूटर में आग लगने वाली चौथी घटना सामने आई है। इस बार प्योर इलेक्ट्रिक स्कूटर का एक वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है, जहां इलेक्ट्रिक स्कूटर धूं-धूं कर जलती नजर आ रही है। इस घटना के बाद से इलेक्ट्रिक व्हीकल मालिकों की चिंता और बढ़ गई है।
इसके पहले ओला इलेक्ट्रिक स्कूटर में लगी थी आग
चेन्नई में इलेक्ट्रिक स्कूटर में आग लगने वाली घटना पहली नहीं है, कुछ दिनों पहले ही ओला इलेक्ट्रिक स्कूटर में अचानक आग लगने की घटना सामने आई थी, जिसका वीडियो सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहा है। इसके पहले तमिलनाडु से एक दर्दनाक घटना सामने आई थी, जब घर में खड़े एक इलेक्ट्रिक स्कूटर में आग लगने से बाप और उसकी बेटी की मौत हो गई थी। हालांकि, कई घटनाओं के होने के बाद अब सरकार ने भी इस पर कड़ा संज्ञान लिया है। वहीं ओला ईवी ने भी स्टेटमेंट जारी करके बताया था कि उनकी टीम मामले की जांच कर रही हैं।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, सरकार पहले ही इलेक्ट्रिक दोपहिया वाहनों में आग लगने की बढ़ती घटनाओं की जांच के आदेश दे चुकी है। 28 मार्च 2022 को सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने इलेक्ट्रिक दोपहिया वाहनों में आग लगने की दो घटनाओं की जांच के लिए स्वतंत्र विशेषज्ञों की एक टीम की प्रतिनियुक्ति करने का निर्णय लिया था, जब पुणे में ओला एस1 प्रो इलेक्ट्रिक स्कूटर में आग लग गई थी। उसी दिन वेल्लोर से एक और इलेक्ट्रिक स्कूटर में आग लगने की सूचना मिली थी, जहां ओकिनावा इलेक्ट्रिक स्कूटर में आग लगने से एक व्यक्ति और उसकी 13 वर्षीय बेटी की मौत हो गई। इस हफ्ते की शुरुआत में तमिलनाडु के त्रिची से एक इलेक्ट्रिक स्कूटर में आग लगने की एक और घटना सामने आई थी
इलेक्ट्रिक टू-व्हीलर्स में अपने आप आग लगने की बढ़ती घटनाओं ने इलेक्ट्रिक वाहनों पर लिथियम आयन बैटरी की थर्मल दक्षता पर सवाल खड़े कर दिए हैं। एक ऐसे उद्योग के लिए जिसने पिछले कुछ वर्षों में इलेक्ट्रिक टू-व्हीलर सेगमेंट में अभूतपूर्व वृद्धि देखी है, इन घटनाओं से गुणवत्ता और उपभोक्ता सुरक्षा के बारे में चिंता बढ़ने की उम्मीद है।
इन कारणों से लगती है आग
इलेक्ट्रिक गाड़ियों में आग लगने की असल वजह लिथियम-आयन बैटरी होती है। लिथियम-आयन बैटरी को अगर अनुचित तरीके से बनाया गया हो, ये क्षतिग्रस्त हो गई हो तो इसमें आग लगने का खतरा बढ़ जाता है। यदि बैटरी संचालित करने वाला सॉफ्टवेयर सही तरीके से डिजाइन नहीं किया गया है, तो भी इसमें आग लगने का खतरा रहता है।