नई दिल्ली. भारत में कोरोना वायरस संक्रमितों की संख्या शनिवार को 85 हजार को पार कर गई. कश्मीर से केरल तक और कर्नाटक से बिहार तक कोविड-19 के मामले सामने आए हैं. इसी बीच ऐसे संकेत हैं कि सोमवार से शुरू हो रहें लॉकडाउन के चौथे चरण में कई बड़ी छूट मिलेगी, ताकि महामारी के बीच अर्थव्यवस्था को गति दी जा सके.
देश के अलग-अलग राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की ओर से संक्रमितों की घोषित संयुक्त संख्या ने इसके साथ ही कोरोना वायरस संक्रमितों के मामले में चीन को पीछे छोड़ दिया है. चीन के आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक, वहां कोविड-19 के 82,933 मामले सामने आए थे.
चीन का वुहान शहर, जहां से इस महामारी की शुरुआत हुई थी. वहां कुछ नये मामले आए हैं. इसके बावजूद चीन में अब कोविड-19 के 100 से कम मरीजों का इलाज हो रहा है. आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक चीन में 4,633 लोगों की कोरोना वायरस से मौत हुई थी. जबकि 78,000 से अधिक लोग संक्रमण मुक्त होकर घर लौट चुके हैं.
पिछले साल दिसंबर में वुहान में संक्रमण शुरू होने के बाद से अब तक दुनिया में तीन लाख अधिक लोगों की मौतें कोरोना वायरस की वजह से हुई हैं, जबकि 45 लाख से अधिक लोग संक्रमित हुए हैं. चीन और अन्य देश अपनी अर्थव्यवस्था को खोलने की शुरुआत कर रहे हैं . हालांकि कोरोना वायरस के संक्रमण के दोबारा फैलने की नये सिरे से चिंता बढ़ गई है.
दुनिया का 11वां प्रभावित देश है भारत
कोविड-19 से भारत अब दुनिया का 11वां सबसे प्रभावित देश है.. लेकिन एक भारत से अधिक, कोरोना वायरस प्रभावित देशों में संक्रमितों की संख्या एक लाख से अधिक है. इस सूची में अमेरिका शीर्ष पर है जहां पर 14 लाख से अधिक लोग संक्रमित हुए हैं. इसके बाद क्रमश: रूस, ब्रिटेन, स्पेन, इटली और ब्राजील हैं जहां पर दो लाख से अधिक मामले हैं. वहीं फ्रांस, जर्मनी, तुर्की और ईरान में एक लाख से अधिक मामले सामने आए हैं.
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया कि देश में अभी तक कोरोना वायरस संक्रमण से 2752 लोगों की मौत हुई है, जबकि कुल 85,940 लोग इससे संक्रमित हुए हैं. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, पिछले 24 घंटे में, शुक्रवार सुबह आठ बजे से शनिवार सुबह आठ बजे तक, संक्रमण से 103 लोगों की मौत हुई है.. और देश में कोविड-19 के 3970 नए मामले आए हैं.
मंत्रालय ने बताया कि देश में 53035 मरीजों का इलाज चल रहा है, जबकि 30152 लोग संक्रमण मुक्त हो चुके हैं. इस प्रकार मरीजों के ठीक होने की दर करीब 35 प्रतिशत है.