Chhattisgarh Assembly Election 2023: चार बार के विधायक को इस बार देखना पड़ सकता है हार का मुंह, कांग्रेस के गढ़ में कमल खिलाने बेताब BJP; जानिए- इलाके में क्या चल रहा है?

Chhattisgarh Assembly Election 2023: सरगुजा संभाग के सीतापुर विधानसभा सीट में इस बार दिलचस्प मुकाबला होने वाला है। इस क्षेत्र से अमरजीत भगत चौथी बार विधायक चुने गए और इस बार तो मंत्री भी बन गए है। आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर मंत्री अमरजीत भगत ने तैयारियां भी शुरू कर दी है, लेकिन इस बार क्षेत्र की जनता बदलाव के मूड में नजर आ रही है। मंत्री अमरजीत भगत का उनके विधानसभा क्षेत्र में कई जगह विरोध देखने को मिल रहा है। मैनपाट इलाके में सड़क, पुल, पुलिया की बेहतर व्यवस्थाएं नही हैं। उनके क्षेत्र में दूरस्थ पहुंचविहीन क्षेत्रों के लोग अक्सर बीमार व्यक्ति को खाट या कांवर में ढोकर मुख्य मार्ग, एंबुलेंस तक पहुंचाते दिखते है। इसके अलावा चिरगा एलुमिना रिफायनरी प्लांट को लेकर भी क्षेत्र की जनता मंत्री अमरजीत भगत से नाराज है। जानकारी के अनुसार, भाजपा सीतापुर विधानसभा सीट में अब तक खाता नहीं खोल सकी है, लेकिन इस बार पॉजिटिव संकेत मिल रहे है। सीतापुर क्षेत्र में वैसे भी जनता बाहरी हटाओ का नारा बुलंद कर रही है। इस बीच क्षेत्र की जनता के आग्रह पर सेना की नौकरी छोड़कर चुनावी मैदान पर आया एक जवान कांग्रेस के लिए बड़ा मुसीबत बन सकता है।

विधायक से नाराजगी

दरअसल, विधानसभा चुनाव 2023 का समय नजदीक है। मंत्री अमरजीत भगत इन दिनों क्षेत्र के लोगों से भेंट मुलाकात कर उनकी समस्याओं का समाधान कर रहे है और यही परंपरा भी रही है। लेकिन इस बार उनकी कुर्सी डगमगाने की ओर है। ऐसा हम इसलिए कह रहे है क्योंकि क्षेत्र सीतापुर क्षेत्र के युवाओं, बुजुर्गों में उनके प्रति नाराजगी देखी जा रही है। उनपर विकास काम नहीं करने का आरोप लगाया जा रहा है। यही वजह है कि सीतापुर क्षेत्र के हजारों युवाओं ने अपने क्षेत्र से बॉर्डर पर सेवा दे रहे जवान रामकुमार टोप्पो को हजारों पत्र लिखे और सीतापुर क्षेत्र से चुनाव लडने का आग्रह किया। क्षेत्र की जनता के निवेदन को स्वीकार कर जवान रामकुमार टोप्पो ने अपनी नौकरी से रिजाइन देकर घर लौट आए और अब चुनाव लडने की तैयारी में है। क्षेत्र के युवा, बुजुर्ग उन्हे अगला विधायक के रूप में देखना चाह रहे है।

बाहरी हटाओ का नारा

सीतापुर विधानसभा आदिवासी उरांव समाज बाहुल्य है। अब तक के चुनाव में मंत्री अमरजीत भगत आदिवासियों को साधने में सफल रहे है। लेकिन इस बार सीतापुर में बाहरी हटाओ का नारा भी बुलंद हो रहा है। दरअसल अमरजीत भगत सूरजपुर जिले के रहने वाले है, उनका पैतृक ग्राम पार्वतीपुर है। हालांकि, वे सरगुजा जिले के सीतापुर से विधानसभा चुनाव लड़ते आ रहे है और चार बार विधायक चुने गए हैं। वर्तमान में पांचवी पारी खेलने की तैयारी में है, लेकिन इस बार मंत्री भगत के सामने बड़ी चुनौती दिख रही है। भाजपा ने सेना की नौकरी से इस्तीफा देकर आए जवान रामकुमार टोप्पो का नाम सीतापुर विधानसभा से फाइनल कर लिया है, और सेना की नौकरी से इस्तीफा देकर जनता की सेवा करने चुनावी मैदान में उतरे रामकुमार की लोकप्रियता भी काफी बढ़ रही है। इसके अलावा सीतापुर में विकास का मुद्दा भी गरमाया है। क्षेत्र में आज भी बेहतर सड़क और स्वास्थ्य सुविधाओं की दरकार है। सीतापुर में भाजपा के पास मुद्दों की कमी नहीं है, जिसपर नेता, कार्यकर्ता तेजी से काम कर रहे है। भाजपा कांग्रेस के गढ़ में कमल खिलाने के लिए बेताब है। बहरहाल, अब देखना होगा कि इस चुनाव के बाद मंत्री अमरजीत भगत सीतापुर में पांचवी पारी खेलेंगे या भाजपा को पहली बार बैटिंग करने का मौका मिलेगा।