Breaking : पूर्व सीएम को बड़ा झटका!… क़रीबी ने छोड़ी पार्टी…. पत्नी पर कार्यकर्ताओं की टिप्पणी से हुए आहत

नोएडा। समाजवादी पार्टी के बड़ा झटका लगा है। यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव के करीबी माने जाने वाले नेता अनिल यादव ने पार्टी छोड़ दी है। अनिल यादव ने ट्वीट कर कहा, “समाजवादी पार्टी के साथ मेरा सफ़र समाप्त हुआ।” इसके बाद उन्होंने एक वीडियो जारी कर कहा, “आज आप सभी ने ट्विटर पर मेरा स्टेटस देखा होगा जिसमें मैंने समाजवादी पार्टी के साथ संबंध समाप्त होने की बात कही है। साथियों आप सभी ने देखा होगा कि मेरे लिए ये बहुत ही मुश्किल फैसला था, बहुत ही कठिन फैसला था क्योंकि जिस पार्टी से आप कॉलेज के दिनों से जुड़े हो उसे आप एक दिन में नहीं छोड़ सकते। और जहां पार्टी में रहकर आपने विभिन्न पदों पर काम कर रखा हो… मैं नोएडा का महानगर अध्यक्ष रहा, मैं पार्टी का प्रवक्ता रहा… अलग-अलग जिलों में जहां पर भी पार्टी ने प्रचारक की भूमिका में मुझे भेजा चाहे सोनभद्र हो, चाहे गोरखपुर हो चाहे कैराना हो चाहे लखनऊ हो, जहां पार्टी ने मुझे भेजा, जिस तरह की जिम्मेदारी दी, मैंने बाखूबी निभाई।”

अनिल यादव ने आगे कहा, “लेकिन कल मैंने देखा कि मेरी पत्नी के स्टेटस पे कुछ समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ताओं ने बहुत ही अभद्र टिप्पणियां कर रखी हैं। वो अभद्र टिप्पणियां मैं समझता हूं कि सभ्य समाज में किसी के लिए भी नहीं महिला के लिए नहीं होनी चाहिएं। उन टिप्पणियों पर मुझे उम्मीद थी कि पार्टी की तरफ से कोई एक्शन लिया जाएगा जिससे की… चाहे दूसरे दल की ही महिला हो लेकिन असभ्य नहीं होना चाहिए तो मुझे लगा कि पार्टी की तरफ से कोई कार्रवाही होगी लेकिन बजाय इसके मैंने देखा कि जो आधिकारिक समाजवादी पार्टी के ग्रुप हैं, वहां पर मुझे ही नसीहत दी जा रही थी कि आप अपनी पत्नी को समझाइए नहीं तो हम लिखना शुरू करेंगे।”

अनिल यादव ने आगे बताया, “तो मुझे लग गया कि जिस पार्टी में रहकर मैं अपनी परिवार की और अपने घर की महिलाओं की सुरक्षा सुनिश्चित नहीं कर सकता, उनका सम्मान सुनिश्चित नहीं कर सकता, वहां प्रदेश की महिलाओं की या बेटियों की बात मैं कैसे कर पाऊंगा। तभी मैंने ये फैसला लिया कि मैं आज पार्टी में सभी चीजों से इस्तीफा देता हूं। मेरी प्राथमिक सदस्यता है जो आजीवन सदस्य मैं हूं, उन सभी से मैं इस्तीफा देता हूं।” इस दौरान अनिल यादव ने सपा के कार्यकर्ताओं से अपील करते हुए कहा, “साथियों! सम्मान के सामने और परिवार के सामने राजनीति बहुत छोटी चीज है, सियासी दल भी बहुत छोटी चीज है, राजनीति करनी है तो करिए विचारधारा की, सम्मान के लिए राजनीति करिए, कहीं आपका अपमान हो रहा हो तो उससे बेहतर है कि आप कोई दूसरा रास्ता चुनिए। मुझे लगता है कि आप जो मुझे देख रहे हैं वो मेरी बात समझेंगे।”