जयपुर। राजस्थान पंचायत चुनाव में मिली हार के बाद अब राज्य की गहलोत सरकार के सामने संकट गहराता हुआ नजर आ रहा है। जानकारी के मुताबिक भारतीय ट्राइबल पार्टी ने राज्य की कांग्रेस सरकार से अपना समर्थन वापस ले लिया है। पार्टी का आरोप है कि कांग्रेस ने उसके साथ छल किया है। बीटीपी के दो विधायक कांग्रेस को अपना समर्थन दे रहे थे।
जानकारी के मुताबिक भारतीय ट्राइबल पार्टी के विधायक राजकुमार रोत और रामप्रसाद ने अपना निर्णय लेते हुए कांग्रेस से अपना समर्थन वापस ले लिया है। बता दें कि जिला प्रमुख पद पर निर्दलीय नामांकन भरकर चुनाव लड़ने वाली भाजपा की सूर्या अहारी ने कांग्रेस के समर्थन से बीटीपी समर्थित पार्वती को एक वोट से हराकर जिला प्रमुख पद पर जीत हासिल की। दरअसल जिला परिषद की 27 सीटो में से बीटीपी समर्थित 13 निर्दलीय जीतकर आये थे। वहीं कांग्रेस के 6 और भाजपा के 8 उम्मीदवार जीते थे।
भाजपा से निर्दलीय प्रमुख का चुनाव लड़ने वाली सूर्या अहारी को भाजपा के 8 व कांग्रेस के 6 मत सहित कुल 14 मत मिले जबकि बीटीपी समर्थित उम्मीदवार पार्वती को 13 मत मिले और एक वोट से सूर्या अहारी ने जीत दर्ज करते हुए जिला प्रमुख बनी।
वहीं गहलोत ने स्वीकार किया कि जिला परिषद और पंचायत समिति सदस्यों के चुनाव के नतीजे अपेक्षा के अनुरूप नहीं रहे। उन्होंने कहा कि कोरोना महामारी से निपटने पर ध्यान केंद्रित होने के कारण हम अपनी योजनाओं और सरकार के कार्यों का अच्छी तरह से प्रचार नहीं कर सके जबकि विपक्ष ने भ्रामक प्रचार कर मतदाताओं को भ्रमित किया। गहलोत ने चुनाव परिणामों पर टिप्प्णी करते हुए कहा, ‘जिला परिषद और पंचायत समिति चुनावों के नतीजे हमारी आशा के अनुकूल नहीं रहे हैं।’
मुख्यमंत्री ने एक बयान में कहा, ‘पिछले नौ महीने से हमारी सरकार कोरोना वायरस संक्रमण की रोकथाम के लिये मेहनत कर रही है। हमारी प्राथमिकता लोगों का जीवन और आजीविका बचाना रहा है। हमारा पूरा ध्यान कोरोना महामारी पर रहा जिसके चलते हम अपनी योजनाओं और सरकार के कार्यों का अच्छी तरह से प्रचार नहीं कर सके। वहीं विपक्ष के नेताओं ने ग्रामीण क्षेत्रों में दौरे कर भ्रामक प्रचार कर मतदाताओं को भ्रमित किया।’
उल्लेखनीय है कि राज्य के 21 जिलों में जिला परिषद के 636 सदस्यों में से कांग्रेस को 252, भाजपा को 353, आरएलपी को 10, माकपा को दो सीटें मिलीं जबकि 18 निर्दलीय उम्मीदवारों ने जीत हासिल की। वहीं, 4371 पंचायत समिति सदस्यों में से कांग्रेस को 1852, भाजपा को 1989, बसपा को पांच, आरएलपी को 60, सीपीआईएम को 26 सीटों पर जीत मिली जबिक 439 सीटों पर निर्दलीय उम्मीदवारों ने जीत दर्ज की।