नई दिल्ली
हैदराबाद हाउस में पीएम नरेंद्र मोदी और फ्रांस के राष्ट्रपति ओलांद की शिखर बैठक खत्म हो गई है। मुलाकात दो घंटे चली। इसके बाद दोनों ने संयुक्त बयान जारी किया।
अंतरिक्ष विज्ञान और तकनीक समेत भारत-फ्रांस ने कुल 13 समझौतों पर हस्ताक्षर किए हैं। साथ ही राफेल सौदे के लिए सहमति ज्ञापन पर हस्ताक्षर हो गए हैं, वित्तीय पहलुओं पर बातचीत जारी है। ओलांद ने राफेल जेट भारत को देने पर खुशी जताई। इसके अलावा सौर ऊर्जा से परमाणु ऊर्जा और अंतरिक्ष तक के क्षेत्र में दोनों देशों के बीच अहम समझौते आज किए गए हैं। मार्स मिशन में दोनों देशों की अंतरिक्ष एजेसिंया मिलकर काम करेंगी। आतंक के मुद्दे पर दोनों देशों ने सहयोग बढ़ाने पर सहमति जताई। दोनों देशों ने खुफिया सूचनाएं साझा करने, समुद्री तस्करी और साइबर सुरक्षा के मामलों में भी आपस में सहयोग बढ़ाने पर ज़ोर दिया। ओलांद ने पेरिस हमले के बाद आतंक के मुद्दे पर मिले भारतीय समर्थन की तारीफ की है। उन्होंने पीएम मोदी के क्लाइमेट चेंज समिट पर निभाए रोल की तारीफ की।
वहीं पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि फ्रांस के राष्ट्रपति ओलांद ने हमारा निमंत्रण स्वीकार किया, उसके लिए शुक्रिया। ओलांद भारत के करीबी मित्र हैं और एक शक्तिशाली देश के नेता हैं। मुझे गणतंत्र दिवस पर चीफ गेस्ट के रूप में आपका स्वागत करते हुए बेहद खुशी महसूस हो रही है। देश में फ्रांसीसी सेना की टुकड़ी पहली बार गणतंत्र दिवस परेड में सेना के साथ कंधे से कंधा मिलाकर चलेंगी। फ्रांस वह देश है, जिसके साथ लगभग 18 वर्ष पहले रणनीतिक साझेदारी कायम की।
वैसे, पीएम मोदी के बयान से फ्रांस से 36 राफेल खरीदने का रास्ता साफ दिख रहा है। भारत आने से पहले ओलांद ने भी एक इंटरव्यू में कहा था कि रफाल डील सही ट्रैक पर है। फ़िलहाल कुछ तकनीकी पहलुओं पर विचार किया जा रहा है।
वैसे फ्रांस से सीधे 36 राफेल खरीदने का फैसला तो करीब नौ महीने पहले प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की फ्रांस यात्रा के दौरान ही हो गया था। सूत्रों के मुताबिक, भारत 36 विमानों के लिये 60 हजार करोड़ देने को तैयार है, लेकिन फ्रांस इसके लिए 65 हजार करोड़ से भी ज्यादा की डिमांड कर रहा है।