यूक्रेन में हो रही गोलाबारी में भारतीय छात्र दिल्ली के छतरपुर निवासी हरजोत सिंह भी घायल हैं। उनके पैर और सीने में गोली लगी थी, उनका इलाज कीव के एक अस्पताल में चल रहा है। उन्होंने कहा कि मैं जीना चाहता हूं। चूंकि मुझे एक नया जीवन मिला है, मैं नए सिरे से शुरु करना चाहता हूं। अपने परिवार के साथ समय बिताना चाहता हूं। हरजोत, अपनी वापसी के लिए दूतावास से लगातार संपर्क कर रहे हैं। इस आईटी स्टूडेंट ने कहा कि अब तक कुछ भी सफलता नहीं मिली है. वे यूक्रेन में हायर एजूकेशन के लिए आए थे।
अस्पताल के बिस्तर से समाचार एजेंसी एएनआई से बात करते हुए, हरजोत ने कहा कि अगर मुझे सरकार से कुछ आश्वासन मिलता है, तो मैं व्हील-चेयर पर सीमा पार कर सकता हूं। लेकिन मेरे मरने के बाद चार्टर्ड प्लेन भेजने का क्या फायदा होगा? उन्होंने बताया कि 27 फरवरी को, वह और उनके दो दोस्त कीव से ल्वीव जा रहे थे, लेकिन ट्रेन में नहीं चढ़ सके। फिर उन्होंने निजी कैब बुक करने का फैसला किया। सामान्य दिनों में, एक कैब से इस दूरी के लिए 3,000 से 4,000 रुपये लिया जाता था, लेकिन कैब वाले ने 3,000 डॉलर मांगे लेकिन अंत में, वह 1000 डॉलर पर मान गया था। इस कैब से जब हम एक चैक पोस्ट पर पहुंचे तो सुरक्षा कारणों के कारण हमें अगले दिन यात्रा करने के लिए कहा गया।
उन्होंने कहा कि दुर्भाग्यपूर्ण दिन था कि मैं गोलियों की बारिश में फंस गया। मैंने देखा कि बाई ओर की बिल्डिंग के ऊपर से फायरिंग हो रही थी। अगले पल ही मुझे लगा कि एक गोली मेरे बाएं घुटने में लगी, दूसरी मेरे हाथ और फिर छाती में लगी। तब मुझे कुछ भी याद नहीं रहा। जब 2 मार्च को मुझे होश आया तो खुद को अस्पताल में पाया। डॉक्टरों ने मुझे बताया कि मैं 4-5 घंटे से सड़क पर पड़ा था। हरजोत सिंह ने कहा कि शुक्र है कि ऑपरेशन से मेरी गोलियां निकाल दी गईं हैं, लेकिन मैं चल नहीं सकता।
हरजोत सिंह ने कहा कि भारतीय दूतावास से अभी तक कोई समर्थन नहीं मिला है। मैं उनसे संपर्क करने की कोशिश कर रहा हूं, हर दिन वे कहते हैं कि हम कुछ करेंगे लेकिन अभी तक कोई मदद नहीं मिली है। वहीं शुक्रवार तड़के केंद्रीय मंत्री जनरल वीके सिंह ने कहा कि उन्हें उन खबरों की जानकारी है कि कीव छोड़ने की कोशिश कर रहा एक छात्र, गोली लगने से घायल है। पोलैंड के रेज़ज़ो हवाई अड्डे पर जनरल (सेवानिवृत्त) वीके सिंह ने एएनआई को बताया कि उन्हें वापस कीव ले जाया गया और तुरंत अस्पताल ले जाया गया। गौरतलब है कि इससे पहले कर्नाटक के एक छात्र की मंगलवार को खार्किव में गोली लगने से उस समय मौत हो गई, जब वह भोजन के लिए किराने की दुकान के बाहर कतार में खड़ा था।