फ़टाफ़ट डेस्क। कई बार मज़ाक-मज़ाक में हुई चीज़ काफी सीरियस हो जाती है। कुछ ऐसा ही हुआ 31 साल की अमांडा स्टैसी के साथ। उसने हल्के-फुल्के मूड में डीएनए टेस्ट कराया। जब इस टेस्ट का रिजल्ट आया तो पहली बार स्टैसी को ये पता चला कि वो अपने माता-पिता की असल औलाद नहीं है।
@stacysinterlude7 नाम के TikTok Account से अमांडा ने बताया कि उसने DNA Test मज़ाक में किया था। चूंकि उनके दादाजी के बहुत से बच्चे थे, ऐसे में वो देखना चाहती थीं कि शायद उन्हें कोई और परिवार का सदस्य ही मिल जाए। परिवार के बाकी सदस्यों के तो डीएनए मैच हो गए, लेकिन एक सदस्य के रिजल्ट में थोड़ी गड़बड़ थी। अमांडा को तब भी इस बात का यकीन नहीं था कि वो सदस्य खुद वही हैं।
अमांडा स्टैसी कहती हैं कि जब डीएनए टेस्ट का रिजल्ट आया तो इसमें एक सदस्य का मैच 50 फीसदी था। हालांकि उनके माता-पिता ने जब इस बात से इनकार कर दिया तो अमांडा ये बात मान गईं कि टेस्ट का रिजल्ट ही गड़बड़ है। इस घटना के दो दिन बाद अमांडा ने माता-पिता ने आखिरकार उन्हें सच बता दिया। उन्होंने अमांडा से कहा कि 50 फीसदी डीएनए उसकी बायलॉजिकल मां का है। अमांडा को इस बात का यकीन ही नहीं हुआ। उसी रात उसने अपने बायलॉजिकल पिता का पता लगा लिया और दो हफ्ते बाद वो अपने असल मां-बाप से मिलने में कामयाब हो गईं।
अमांडा बताती हैं कि जब उनके माता-पिता ने उन्हें एडॉप्शन के बारे में बताया तो उन्हें ज्यादा सदमा नहीं लगा और उन्हें ये बात बुरी भी नहीं लगी। चूंकि उन्हें एडॉप्ट करने वाले माता-पिता से उनकी शक्ल-सूरत भी मिलती थी और उनके पैरों का साइज़ भी वही था, ऐसे में कभी भी उन्हें इस बात का संदेह नहीं हुआ कि वे एडॉप्टेड हैं। अमांडा ये बात भी मानती हैं कि अगर उन्हें टीनएज में इस बात का पता चला होता, तो शायद वे थोड़ा अलग रिएक्ट करतीं, लेकिन इस उम्र में उनके लिए ये चीज़ें मायने नहीं रखतीं। उन्हें अपने घर में बहुत सारा प्यार मिला है और वे अपने माता-पिता के साथ बहुत खुश हैं।