रूस में कोरोना वायरस के मामले एक बार फिर तेजी से बढ़ने लगे हैं। रूस दुनिया का पहला ऐसा देश है जिसने दुनिया को कोरोना की सबसे पहली वैक्सीन दी। राजधानी मॉस्को में कोरोना का कहर बढ़ने के कारण 11 दिनों का लॉकडाउन लगाया गया है। सभी गैर जरूरी सेवाओं पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। रूस में पिछले 24 घंटे में 40 हजार 096 लोगों की कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव आई। इस बीच 1,159 लोगों ने दम तोड़ दिया। सरकार ने दूसरे देशों की तरह सख्त लॉकडाउन का ऐलान तो नहीं किया है, लेकिन मॉस्कों में गुरुवार से 7 नवंबर तक सभी गैर-जरूरी सेवाओं पर रोक लगा दी गई है। रिटेल दुकानें, रेस्ट्रॉन्ट के साथ ही खेल और मनोरंजन के स्थानों को बंद कर दिया गया है। स्कूलों पर भी ताले लटक गए हैं। खाने-पीने की चीजों की दुकानों के साथ दवा और जरूरी सेवाओं से जुड़ी दुकानों को खोलने की इजाजत दी गई है।
रूस में संक्रमण के 40 हजार से ज्यादा नए मामले सामने आने के बाद हड़कंप मच गया है। अगर आपने मास्क पहनना बंद कर दिया है, सोशल डिस्टेंसिंग को भूल गए हैं और बार-बार हाथों को साबुन-पानी से धोना झंझट लगता है तो सचेत हो जाएं। कोरोना अब भी रूप बदल रहा है और दोनों वैक्सीन लगा चुके लोगों को भी नए रूप में संक्रमित कर रहा है। महामारी के प्रसार को रोकने के लिए रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन पहले ही 30 अक्टूबर से सात नवंबर के बीच गैर कार्य अविध की घोषणा कर चुके हैं। इस दौरान ज्यादातर सरकारी और निजी कारोबारी संगठनों में काम रखने और ज्यादातर दुकानें भी बंद रखने का आदेश पहले ही दिया जा चुका है। राष्ट्रपति पुतिन ने स्थानीय अधिकारियों को कहा है कि वे आदेश दें कि टीका नहीं लेने वाले 60 साल से ज्यादा उम्र के लोग घर में रहें।