मन में आ रहे हैं खुदकुशी के विचार! तो क्या करें? -डॉ ख़ुर्शीद खान

फटाफट न्यूज़ डेस्क..धरमजयगढ़ नगर के शासकीय चिकित्सक डॉ ख़ुर्शीद खान के माने तो- लोग छोटी-छोटी बातों मे तनाव और अवसाद मे आ जाते हैं। अपने आप मे हिन् भावना पैदा कर लेते हैं, और अपने लक्ष्य मे असफल होने पर खुदकुशी कर लेते । ऐसे ज्यादातर मामला में लोंगो के खुदकुशी के पीछे मानसिक विकार अवसाद यानि डिप्रेशन आदि कारण माना जा जाता हैं। अगर आपके या आपके किसी जानने वाले के मन में खुदकुशी की भावना आ रहा हैं तो इस भावना से कैसे निपटा जा सकता हैं। हम आपको इसी बारे में बताने वाले हैं।

किसी करीबी को बनाइए हमराज-

इसके लिए सबसे पहले तो लोगों के करीब जाइए। किसी भी अपने दोस्त को या परिजन को अपना हमराज बनाइए। हम हमेशा सुनते आ रहे हैं कि, कहने से दुख हल्का हो जाता हैं.. और ये सच भी हैं। लोगों से बात करिए।

डॉ ख़ुर्शीद खान डिप्रेशन बीमारी हैं-

मेंटल हेल्थ भी शारीरिक हेल्थ की तरह जरूरी हैं। अगर कोई डिप्रेशन में हैं। तो इसका मतलब हैं कि, वो बीमार हैं। वो पागल या साइको नहीं सिर्फ बीमार हैं। जैसे शरीर को डॉक्टर की जरूरत पड़ती हैं। वैसे ही मन और दिमाग को भी डॉक्टर की जरूरत पड़ती हैं। अगर आप जरा सा भी असहाय महसूस कर रहे हैं..और आपको बार-बार खुदकुशी का ख्याल आ रहा हैं। तो बेझिझक डॉक्टर से मिलिए, ऐसे प्रोफेशनल आपको बिना जज किए। आपके मन की बात सुनेंगे और आपकी बातें भी गोपनीय रहेंगी।

दवाईयां हैं बेहद जरूरी-

जैसे आपको बुखार या खांसी होती हैं। तो आप दवाईयां लेते हैं। वैसे ही डिप्रेशन कोई भी बीमारी समझिए और दवा का कोर्स पूरा करिए। अगर डॉक्टर एडमिट करने की बात कहता हैं। तो उसकी बात मानिेए। सिर्फ अच्छी बातें सुनने और करने से जैसे बुखार नहीं ठीक होता हैं। वैसे ही डिप्रेशन आगे की स्टेज में पहुंच गया तो वो भी नहीं ठीक होता हैं। इसलिए अगर आपका डॉक्टर आपको दवाएं सजेस्ट कर रहा हैं। तो उसे बिना मिस किेए खाइए।

ईश्वर पर भरोसा रखिए-

कहते हैं कि, ईश्वर पर भरोसा रखो सब ठीक होगा। ये बात सिर्फ कहने की नहीं मानने की भी हैं। अगर आप ईश्वर पर आस्था रखेंगे तो आपको मनोबल मिलेगा।

पालतू जानवर-पक्षी रखिए-

जानवर आपके अवसाद को दूर करते हैं। आप कोई भी जानवर अपने साथ रख सकते हैं। चाहे वो कोई तोता हो, बिल्ली हो, खरगोश हो या फिर डॉग। इस मामले में सबसे बेहतर डॉग होते हैं। क्योंकि, वो इंसानों से बिना किसी स्वार्थ के प्यार करते हैं।

अकेले रहने से बचिए-

बचपन में हमने पढ़ा हैं मनु्ष्य एक सामाजिक प्राणी हैं। खुद को समाज के बीच रखें। सब बुरे हैं, ऐसा सोचकर लोगों से दूरी मत बनाइए। इस मतलब की दुनिया में बहुत से ऐसे लोग हैं। जो आपके जाने से बेहद दुखी होंगे उनका ख्याल रखिए उनसे बात करिए। आपने गौर किया होगा कि संयुक्त परिवारों में आत्महत्या की खबरें कम आती हैं..और जो लोग अकेले या एकल परिवार में होते हैं। वहां खुदकुशी की खबरें ज्यादा आती हैं।

लोगों को माफ करिए और माफी मांग लीजिए-

अगर आपके मन में किसी लिए रोष हैं। तो वो निकाल दीजिए। अगर आप दूसरों को माफ कर देंगे तो हल्का महसूस करेंगे और आपके मन में किसी तरह की कोई ग्लानि हैं। तो सामने वाले से माफी मांग लीजिए। माफी मांगने से भी आपका दिल हल्का हो जाएगा।

किसी को अहमियत दिलाने के लिए मत कीजिए खुदकुशी-

अगर आप किसी से नाराज होकर ये कदम उठाने को सोच रहे हैं..और आपको लगता हैं कि, आपके जाने से उसे आपकी अहमियत पता चलेगी तो ये बात मन से निकाल दीजिए। जिंदगी बहुत बड़ी होती हैं। उसे अगर दुख होगा भी तो एक ना एक दिन वो आगे बढ़ ही जाएगा और अगर उसे दुख और पछतावा हो भी रहा है तो वो देखने के लिए आप नहीं होंगे। खुद को प्यार करिए।

अपनों के बारे में सोचिए-

अगर आपको खुदकुशी का विचार आ रहा हैं। तो आप एक बार अपने माता-पिता या जो आपसे प्यार करते हैं। उनका चेहरा याद करिए, और सोचिए कि, आपके इस कदम से उनका क्या हाल होगा? या उन लोगों को याद कीजिए। जिनके जाने से आप खुद बहुत दुखी हुए थे.. या फिर किसी ऐसे को याद कीजिए। जिनके किसी करीबी ने खुदकुशी की हो और उनपर क्या बीती थी ये याद करिए।

सकारात्मक कहानियां पढ़िए-

गूगल पर सकारात्मकता की तमाम कहानियां उपलब्ध हैं उन्हें पढ़िए। आप जैसा पढ़ते हैं.. और जैसा सोचते हैं आपके साथ वैसा ही होने लगता हैं। निगेटिव बोलने वालों से दूरी और हंसने खिलखिलाने वाले लोगों से नजदीकी बनाइए। खुश रहिए और लोगों की खुशी की वजह बनिए।

जिदंगी सबसे ऊपर हैं –

अगर आप ब्रेकअप की वजह से परेशान हैं। तो ये सोचिए कि उस इंसान से पहले भी आपकी जिंदगी थी.. औऱ बेहतरीन थी। आर्थिक वजहों से परेशान हैं तो ये सोचिए कि मेहनत फिर से करके पैसे कमाए जा सकते हैं। जीरो से शुरू करना कोई मुश्किल काम नहीं खुद पर अगर भरोसा हो। अगर किसी करीबी के जाने से दुखी हैं तो ये सोचिए कि आपके जाने से भी लोग ऐसे ही दुखी होंगे।

हर रात के बाद होता हैं सवेरा-

जैसे हर काली रात के बाद सवेरा होता हैं। वैसे ही हर बुरे दिन के बाद अच्छे दिन भी आते हैं। भरोसा रखिए सब ठीक हो जाएगा। ये दिन भी कट जाएंगे।

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डॉ ख़ुर्शीद खान