फटाफट डेस्क. मिट्टी के बर्तन में खाना पकाने से उनमें आयरन, फास्फोरस, कैल्शियम और मैग्नीशियम जैसे खनिज मिल जाते हैं। जिसकी वजह से शरीर को कई प्रकार के पोषण मिलते हैं। pH लेवल को मेंटन करने में मदद करता हैं। अगर आप मिट्टी के बर्तन में खाना पकाते हैं। तो यह pH लेवल को बैलेंस करने में मदद करती हैं।
क्या मिट्टी के बर्तन में खाना बनाना अच्छा हैं?
मिट्टी के बर्तन में खाना बनाना एक सामान्य बर्तन में खाना पकाने से कहीं बेहतर हैं। न केवल इसके विभिन्न स्वास्थ्य लाभों के लिए, बल्कि यह खाना बनाना बहुत आसान बनाता हैं, और अंत में भोजन की गुणवत्ता में सुधार करता हैं। मिट्टी के सरंध्रता और प्राकृतिक इन्सुलेशन गुणों के कारण गर्मी और नमी पूरे मिट्टी के बर्तनों में फैल जाती हैं।
क्या मिट्टी के बर्तन में खाना बनाना सेहतमंद है?
मिट्टी के बर्तन में खाना बनाने के फायदे कहा जाता हैं कि, मिट्टी के बर्तन खाने में कैल्शियम, फॉस्फोरस, आयरन, मैग्नीशियम और सल्फर जैसे कई महत्वपूर्ण पोषक तत्व मिलाते हैं। जो हमारे शरीर के लिए बेहद फायदेमंद होते हैं। मिट्टी के बर्तन में पकाए जाने के बाद आपके भोजन में जो सुगंध आएगी वह अपराजेय हैं। मिट्टी के बर्तन आपकी जेब पर सस्ते और आसान होते हैं।
क्यों मिट्टी के बर्तन में भोजन बनाना बेहतर है?
चूंकि मिट्टी के बर्तनों में भोजन बनाने से इसका pH लेवल संतुलित रहता हैं। इसलिए, इसमें बना खाना न सिर्फ हेल्दी होता हैं। बल्कि, इसकी सुगंध भी इसे बेहतर बनाती हैं। मिट्टी के बर्तन में बने भोजन में खनिज और पोषक तत्व जैसे लोहा, फास्फोरस, कैल्शियम, मैग्नीशियम आदि नष्ट नहीं होते हैं।
जानिए मिट्टी के बर्तन में क्या कुछ खास है?
मिट्टी के बर्तनों को कई अलग-अलग प्रकार की मिट्टी से बनाया जा सकता हैं। उन्हें अक्सर मोटे तौर पर मिट्टी के बरतन, पत्थर के पात्र और चीनी मिट्टी के बरतन के रूप में वर्गीकृत किया जाता हैं। मिट्टी के बर्तन अपेक्षाकृत कम तापमान पर 1060 डिग्री सेल्सियस से 1154 डिग्री सेल्सियस तक परिपक्व होते हैं। स्टोनवेयर मिट्टी 1140 डिग्री सेल्सियस से 1280 डिग्री सेल्सियस के मध्य तापमान पर परिपक्व होती हैं।
नए मिट्टी के बर्तन में खाना कैसे बनाते है? कैसे करें मिट्टी के बर्तनों का इस्तेमाल-
सबसे पहले मिट्टी का बर्तन बाजार से घर खरीदकर लाने के बाद उस पर खाने वाला तेल जैसे सरसों का तेल, रिफाइंड आदि लगाकर बर्तन में तीन चौथाई पानी भरकर रख दें। इसके बाद बर्तन को धीमी आंच पर रखकर ढककर रख दें। 2-3 घंटे पकने के बाद इसे उतार लें और ठंडा होने दें।