नारायणपुर… माओवाद की हिंसा से जूझ रहे अबूझमाड़ के इलाके में छत्तीसगढ़ पुलिस ने एक और अभिनव पहल की शुरुआत बासिंग सिनेमा के रूप में कर दी है..सुदूर वनांचल में स्थापित अबूझमाड़ के ग्रामीणों को देश दुनिया से जोड़ने पुलिस विभाग की इस स्कीम की शुरुआत गुरुवार को की गई है..जिसे बेहतर प्रतिसाद मिलने की संभावना है..
बता दे की अबूझमाड़ बस्तर का वह इलाका है..जिसकी पहचान देश के मानचित्र पर माओवाद के गढ़ के रूप में जाना और पहचाना जाता है..यही नही अबूझमाड़ नारायणपुर जिले का हिस्सा है..और नारायणपुर राज्य की सबसे कम आबादी वाला जिला है..आदिवासी बाहुल्य इस जिले का राज्य विधानसभा में प्रतिनिधित्व मंत्री केदार कश्यप करते है..यहाँ के भोले भाले ग्रामीणों ने माओवाद के निशाने पर आकर कई दुःख झेले है..अपनो को खोया है..और जान पर आफत समझ कर वे इस लालगढ़ से कभी बाहर नही निकल पाए है..तो वही दूसरी ओर छत्तीसगढ़ पुलिस शहरों की चकाचौंध से दूर जीवन व्यतीत कर रहे ग्रामीणों पुलिसिंग के साथ देश दुनिया से जोड़ने और मनोरंजन के साधन के रूप में एक मिनी सिनेमा घर की स्थापना की है..जिसका नाम बासिंग सिनेमा रखा गया है.. बासिंग स्थानीय भाषा गोंडी का रूप है..
जिले के पुलिस कप्तान जितेंद्र शुक्ल कहते है..की इस मिनी थियेटर के जुड़ जाने से ग्रामीण स्थानीय भाषाओं की फिल्मों समेत हिंदी भाषी फिल्मों और सरकार की विभिन्न योजनाओं से जुड़ी डॉक्यूमेंट्री फिल्मों को निःशुल्क देख सकेंगे.. इसके अलावा डीडी डायरेक्ट टू होम के जरिये विभिन्न टीवी चैनलों के प्रसारण बड़े पर्दे पर देख सकेंगे..100 सीटर वाले इस मिनी थियेटर की स्थापना गुरुवार को बॉलीवुड फिल्म बाहुबली दिखा कर किया गया..तथा पुलिस को उम्मीद है की इस थियेटर में दिखाए जा रहे कार्यक्रमो को देख कर ग्रामीणों में जागरूकता आएगी..