अतुलनीय संवेदनशीलता की मिशाल है-रक्तदान
अम्बिकापुर
सभी धर्मों में दान का विशेष महत्व है। दान मानव की संवेदनशीलता का द्योतक है। सामान्यतः अपनी कमाई का दशवां अंश दान करने की प्रेरणा धर्म ग्रन्थों में दी गई है। इतिहास में भूमि और द्रव्य दान के अनेक उदाहरण मिलते हैं, पर रक्तदान की तुलना इन चीजों से नहीं की जा सकती। रक्त दान, मानव जीवन का एक महादान है। किसी को रक्त देकर उसके जीवन की रक्षा करने से बड़ा कार्य कोई हो ही नहीं सकता। आधुनिक विज्ञान ने किसी दूसरे व्यक्ति के रक्त से जरूरतमंद व्यक्ति के जीवन रक्षा का अनोखा उद्यम तैयार किया है। दुर्घटना और बीमारी की स्थिति में जरूरतमंद व्यक्ति को रक्त दान देकर उसके जीवन की रक्षा की जा सकती है। रक्तदान मानव जीवन के अतुलनीय संवेदनशीलता की मिशाल है। कोई भी स्वस्थ व्यक्ति शरीर में नियमित रूप से बनने वाले रक्त का कुछ अंश देकर दूसरे व्यक्ति के जीवन की रक्षा कर सकता है। यही नहीं कई बार जिस व्यक्ति को रक्त की आवश्यकता होती है, उस पर परिवार के 8-10 सदस्यों के जीवन के निर्वहन का भार होता है। ऐसे व्यक्ति को रक्त देकर कुछ लोग न सिर्फ एक व्यक्ति का, बल्कि पूरे परिवार को नया जीवन प्रदान करने का पुण्य तो कमा ही रहे हैं, साथ ही इन्सानियत की अनुपम मिशाल भी पेश कर रहे हैं।
रक्त दान की आवश्यकता
बीमारी अथवा दुर्घटना की स्थिति में जरूरतमंद व्यक्ति को रक्त की आवश्यकता होती है। समय रहते संबंधित ब्लड गु्रप का रक्त मिल जाने से व्यक्ति को जीवन रक्षा का वरदान मिल जाता है तथा रक्त नहीं मिलने पर मृत्यु तक हो जाती है। रक्त का कोई दूसरा विकल्प नहीं है और इसे कृत्रिम रूप से बनाया जा सकता है। रक्त को लम्बे समय तक रखा नहीं जा सकता। दिया गये रक्त से किसी व्यक्ति की शल्य चिकित्सा के समय, प्रसव या चोट के कारण अधिक रक्तस्राव से हुई खून की कमी की पूर्ति कर उसके जीवन को बचाया जा सकता है। रक्त की आवश्यकता कैंसर के मरीज तथा हीमोफिलया, थैलेसीमिया तथा एनीमिया के मरीजों को होती है। कोई नहीं जानता कब, किसे और कहां रक्त की जरूरत पड़ जाये। अधिक से अधिक स्वैच्छिक रक्त दान ही समाज की सुरक्षा है। रक्त दान करने से संबंधित को रक्तग्रुप का ज्ञान हो जाता है।
स्वैच्छिक रक्त दान जरूरी– स्वैच्छिक, बिना आर्थिक लाभ लिए रक्त दान ही स्वस्थ रक्त का स्रोत है। प्रोफेशनल रक्तदाताओं के रक्त लेना हमारे देश में जनवरी 1998 से निषिद्ध है।
रक्त दान के लिए शारीरिक मापदण्ड- 18 से 60 वर्ष तक का स्वस्थ व्यक्ति जिनका वजन 45 किलोग्राम से ऊपर हो, रक्त दान कर सकता है।
रक्त दान के लिए निर्धारित मात्रा- एक समय पर बिना किसी व्यक्तिगत क्षति के एक यूनिट रक्त (300 एम.एल.) दिया जा सकता है। शरीर रक्त के इस मात्रा की तीन माह के अन्दर प्राकृतिक रूप से आपूर्ति कर देता है।
रक्त दान करने से नहीं आती कमजोरी- 45 किलोग्राम भार से अधिक के व्यक्ति को ही रक्त दान के लिए चुना जाता है तथा यह भी देखा जाता है कि व्यक्ति के रक्त में हीमोग्लोबिन की मात्रा पर्याप्त हो। रक्त देने से शारीरिक कमजोरी या असुविधा नहीं होती। रक्तदान में लगने वाला समय- इसमें रक्तदान को लगभग एक घंटे का समय लगेगा जिसमें उसका मुफ्त स्वास्थ्य परीक्षण शामिल है। वास्तविक रक्तदान की प्रक्रिया कुछ मिनटों की है।
रक्तदान कितनी बार कर सकते हैं- रक्तदान तीन महीने में एक बार कर सकते हैं यानि साल भर में चार बार आप रक्तदान कर सकते हैं।
रक्तदान कहां किया जा सकता है- किसी भी लायसेंस शुदा ब्लड बैंक या स्वैच्छिक रक्तदान शिविर में आप रक्तदान कर सकते हैं।
क्या रक्तदान सुरक्षित है- रक्तदान सुरक्षित है। रक्तदान करने से पांच घातक बीमारियांे की जांच एक साथ हो जाती है। जैसे कि एच.आई.व्ही. हेपेटाईटिस बी एवं सी, सिफलिस व मलेरिया। साथ ही ब्लड प्रेसर एवं हीमोग्लोबिन की भी जांच हो जाती है तथा रक्तदान करने वालों का एच.बी. प्रतिशत एवं ब्लड ग्रुप जांच मुफ्त में हो जाता है।