स्थायी समिति की बैठक नहीं होने से जिपं सदस्य नाराज

असिस्टेंट सीईओ के पास किये विरोध

अम्बिकापुर

जिला पंचायत स्वच्छता स्थायी समिति की बैठक नहीं होने से नाराज जिला पंचायत सदस्यों ने इसकी आपत्ति दर्ज कराते हुए कहा है कि पूर्व निर्धारित तिथि के बावजूद अधिकारियों को बैठक में उपस्थित नहीं रहना तथा प्रभारी जिला पंचायत सीईओ भी बैठक से नदारद थे एवं संपर्क करने के बावजूद उनका मोबाईल नहीं लगा, जिससे नाराज सदस्यों ने इसे जनप्रतिनिधियों का अपमान बताया है।

जिला पंचायत के असिस्टेंट सीईओ महावीर राम के पास विरोध दर्ज कराने पहुंची जिला पंचायत स्वच्छता स्थायी समिति की अध्यक्ष श्रीमती सुनीता राजवाड़े, जिला पंचायत सदस्य राकेश गुप्ता, शांति एक्का सहित अन्य सदस्यों ने बताया कि जिला पंचायत सामान्य सभा के बैठक में यह तय किया गया था कि गत 21 सितम्बर को स्वच्छता स्थायी समिति की बैठक रखी जायेगी, जिसकी अलग से कोई भी सूचना जारी नहीं होगी, उक्त सूचना के आधार पर आज जब सदस्यगण जिला पंचायत पहुंचे तो ना तो उक्त विषय की कोई सूची अथवा एजेंडा उपलब्ध था ना ही जिला पंचायत का कोई जिम्मेदार अधिकारी जो कि बैठक के विषय में कोई जानकारी दे पाये।

जिला पंचायत सदस्य राकेश गुप्ता ने कहा कि एक ओर आगामी 2 अक्टूबर को जिले को ओडीएफ घोषित करने की तैयारी चल रही है तो वहीं दूसरी ओर जिला पंचायत के अधिकारी स्वच्छता स्थायी समिति की बैठक से नदारद रहते हुए तथा बैठक का आयोजन न कर स्वच्छता अभियान को धत्ता बता रहे हैं। उक्त महत्वपूर्ण बैठक का आयोजन न किया जाना तथा जिला पंचायत सदस्यों को पूर्व में तिथि देकर बैठक में बुलाना ना सिर्फ जनप्रतिनिधियों का अपमान है बल्कि यह भी साफ हो गया है कि स्वच्छता अभियान के प्रति जिला प्रशासन एवं जिला पंचायत के अधिकारी सजग एवं जागरूक नहीं हैं तो वे दूसरों को कैसे इस अभियान से जोडने की बात कर रहे हैं। जिला पंचायत सदस्य राकेश गुप्ता ने कहा कि इस बैठक की जिला पंचायत में कोई तैयारी नहीं होने तथा किसी भी अधिकारी का यहां नहीं आना यह साफ प्रदर्शित करता है कि बैठक का आयोजन कर खुद जिला पंचायत के अधिकारी ही यह भूल गये कि आज बैठक है। पहले भी कई समितियों की बैठक के दौरान इस तरह की स्थिति देखी जा चुकी है, जिसके बाद इस बार हुए जिला पंचायत सामान्य सभा की बैठक में यह कहा गया था कि दुबारा ऐसा नहीं होगा, किन्तु इसके बाद भी इस तरह की स्थिति का निर्मित होना यह साफ दर्शाता है कि अधिकारी जनप्रतिनिधियों को दरकिनार कर स्वयं ही अपनी समझ के अनुसार जिला पंचायत को चलाना चाहते हैं।

विज्ञापन-

unnamed-1