स्वच्छ भारत मिशन बना पंचायत सचिवों के लिए जी का जंजाल.. पुरूस्कार के साथ निलंबन..

 

जशपुर (मुकेश सिंगीबहार) स्वच्छ भारत मिशन सहित पंचायत में चल रहे विभिन्न कार्यों में चौतरफे दबाव ने जिला स्तर पर कई कर्मचारियों को नौकरी छोड़ने पर मजबूर कर दिया है। वहीं कई कर्मचारी ग्राम पंचायत को ओडीएफ कराने के बाद भी निलंबन और कार्यमुक्ति के बाद दर-दर की ठोकर खा रहे हैं। जिला स्तर पर इनकी संख्या दर्जनो में है। फरसाबहार में ही आधे दर्जन सचिव अनिश्चता में दिन काट रहे हैं। विकासखंड के सरपंच /सचिव लाखों रुपये अपनी साख पर उधारी लेकर शौचालय का निर्माण पूरा करा चुके हैं, वहीं दूसरी ओर उनकी नौकरी दांव पर लगी दिखाई दे रही है।

वर्तमान में विभिन्न योजनाओं के साथ रोजगार गारंटी योजना, प्रधानमंत्री आवास योजना सहित दर्जनों काम की जिम्मेदारी ग्राम पंचायत सचिव पर है। सहज ही अंदाजा लगाया जा सकता है कि पंचायत के कार्यों की गुणवत्ता क्या होगी ? उन पंचायतों में स्थिति और भी खराब है, जहां एक ही सचिव पर कई पंचायतों की जिम्मेदारी है। फरसाबहार में 58 पंचायतें हैं।  यहां के जगदीश सिंह को समडमा के अलावा बांसाझाल और लवाकेरा का प्रभार है। जगरनाथ जयसवाल पर उपरकछार और केरसई का प्रभार है। इसी तरह हरिहर यादव को घुमरा के साथ मेंडरबहार, कलेश्वर यादव को कुम्हारबहार के साथ बारो और झारमुंडा,भगत राम चौहान को कुल्हारबुडा के अलावा जोरंढाझरिया,नित्यानंद साय को बोखी के साथ सहसपुर, का प्रभार है। वहीं महिला सचिव जीवन झरना तिर्की को जामटोली के साथ भेलवां और अनिता यादव को खुटगांव के साथ बनगांव का प्रभार है।

पंचायत ओडीएफ होने के बाद निलंबन

फरसाबहार विकास खण्ड के ग्राम पंचायत दलटोली के सचिव का निलंबन चर्चा का विषय है। गत वर्ष स्वच्छ मुक्त बनाने पर कलेक्टर जशपुर ने अवार्ड दिया था। पंचायत की खुब सराहना हुई। और कुछ दिनों बाद शौचालय निर्माण में रूचि नहीं लेने के कारण सचिव रामनाथ यादव को ओडीएफ के तीन माह बाद निलंबित कर दिया गया। इसके अलावा चार सचिवों को स्वच्छ भारत मिशन में कार्य करते हुए लापरवाही का आरोप झेलना पड़ा है। स्थिति यह है कि पंचायत का संपूर्ण प्रभार वापस ले लिया गया। जिसमे महेश चौहान ग्राम पंचायत मेंडरबहार,  भोजराम ग्राम पंचायत सागजोर, दिगम्बर सिंह भेलवां और जगेश्वर नायक सिंगीबहार शामिल हैं।

सीईओ को लेकर अनिश्चता

विकास खण्ड फरसाबहार मे मुख्य कार्य पालन अधिकारी को लेकर भी अनिश्चितता बनी हुई है। पिछले एक साल मे तीन सीईओ बदले गए हैं। वर्तमान में पत्थवगांव सीईओ को फरसाबहार का अतिरिक्त प्रभार दिया गया है। दोनो ब्लाक की भौगोलिक स्थिति बिखरी हुई है, कहीं सड़क, बिजली तो कहीं मोबाइल टावर नहीं है। सीईओ का स्थायित्व नहीं होने से विकास की गति धीमी हो गई है।

भजन साय प्रभारी सीईओ फरसाबहार

इस सम्बन्ध में क्षेत्र के प्रभारी सीईओ भजन साय ने बताया की मैने हाल ही में विकास खण्ड का प्रभार लिया है। निलंबन और कार्यमुक्ति की कार्रवाई पूर्व अधिकारी एवं जिला स्तर पर कई गईं हैं। इस संबंध में कुछ भी कहने मे असमर्थ हूँ। कार्यवाही विभागीय प्रक्रिया है।