कोरिया। जीरो पावर कट वाले राज्य का तमगा लेने के बाद भी छत्तीसगढ का एक गांव अंधेरे मे है। आजादी के कई दशकों बाद भी कोरिया जिले के एक गांव में बिजली नहीं पहुंच पाई है। हांलाकि गांव मे रोशनी के लिए कुछ साल पहले सोलर प्लांट लगाया गया था.. लेकिन उसके बिगडने के बाद इस गांव के लोग 6 माह से अंधेरे मे हैं।
केन्द्र औऱ प्रदेश सरकार घर-घर तक बिजली पहुंचाने की कई योजना पर काम कर रही है। लेकिन कोरिया जिला मुख्यालय से करीब अस्सी किलोमीटर दूर सघन वनों से घिरे गांव रामगढ़ में आज भी बिजली नहीं पहुंच पाई है। जिसकी वज़ह से ग्रामीण आदिकाल की तरह ढिबरी और लालटेन की रोशनी में जीवन यापन करने को मजबूर हैं। गांव को रोशन करने के लिए कुछ समय पहले शासन ने क्रेडा विभाग से सोलर प्लांट लागाया था। लेकिन बीते 6 महीने वो भी बिगड़ा हुआ है। ग्रामीणों की माने तो सोलर प्लांट बिगड़ने की शिकायत के बाद भी कोई जिम्मेदार अधिकारी और जनप्रतिनिधि यहां नहीं पहुंचे हैं।
वनो से घिरे रामगढ गांव मे बिजली नहीं होने के कारण गांव मे हमेशा जंगली जानवरो का खतरा बना रहता है। इसलिए यहां के ग्रामीण रात को हमेशा किसी खतरे के बीच जीवन यापन करने को मजबूर है।
आज के आधुनिक औऱ चकाचौंध वाले युग मे रामगढ़ की बिजली वाली समस्या उन नेताओ के मुंह पर तमाचा है। जो ऐसे गांव वालो से विकास के नाम पर वोट मांगते हैं.. और फिर जीतने के बाद उनको उनके विनास के लिए छोड देते हैं। बहरहाल रामगढ के लोगो को कब तक राम राज्य मिलेगा। ये मौजूदा लचर प्रशासनिक व्यवस्था को देखकर कह पाना काफी मुश्किल है।