छग : थाने मे पहुंचा पहला तीन तलाक का मामला.. आरोपी पति हिरासत मे.

कोरिया. केन्द्र सरकार द्वारा तीन तलाक बिल पास कराने के बाद छत्तीसगढ मे पहला तीन तलाक का मामला थाने पहुंच गया है. कोरिया जिले के मनेन्द्रगढ से आए तीन तलाक के इस मामले मे पीडित महिला ने अपने पति पर मारपीट करके तीन तलाक देने का मामला दर्ज कराया है. जिसके बाद से पुलिस ने तत्परता दिखाते हुए , महिला की शिकायत पर तीन तलाक की धारा के साथ ही अन्य धाराओ का अपराध दर्ज कर. आरोपी पति को गिरफ्तार कर लिया है.

मुस्लिम महिलाओ पर होने वाले अत्याचार को रोकने के लिए तीन तलाक बिल पास होने के बाद इसका असर दिखने लगा है. कोरिया जिले के मनेन्द्रगढ की रहने वाली महिला उज्जमा परवीन ने थाने मे मामला दर्ज कराया है . दरअसल गर्भवती पीडिता अपने चार बच्चो के साथ मनेन्द्रगढ थाना पहुंची. और थाना मे ये लिखित शिकायत दी है कि पिछले पांच वर्षो से उसके पति और ससुराल वाले मायके से रुपए लेने का दबाव बनाकर उसके साथ लगातार मारपीट करते थे. लेकिन आज मारपीट के बाद आरोपी पति दलिशाद अख्तर ने परवीन को तीन तलाक देकर घर से निकाल दिया. तीन तलाक की पीडित की माने तो वो पिछले पांच साल से जिल्लत भरी जिंदगी जी रही थी. कभी उसका पति उसके पंखे मे लटाकर मारता था. कभी मायके से रूपए मंगाने के लिए मारपीट करता था और

जिले समेत समूचे प्रदेश मे ये पहला तीन तलाक का मामला है जो पुलिस की दहलीज तक पहुंचा है. इधर इस मामले मे पीडित के मायके वालो ने भी ससुराल वालों पर गंभीर आरोप लगाए हैं. पीडित उज्जमा परवीन के भाई की माने तो .. उसके जीजा हमेशा फोन करके रुपयों की मांग करते थे. और बहन के साथ मारपीट करके हत्या कर देने की धमकी भी देते थे.. इतना ही नही इस दौरान पीडित के मायके वालो ने कई बार रूपयों की मांग पूरी भी की.

कोरिया जिले के मनेन्द्रगढ थाने मे दर्ज हुए तीन तलाक के मामले के बाद पुलिस ने महिला की शिकायत पर द मुस्लिम ओमेन प्रोटेक्सन आफ राईट सेकेंड आर्डिनेंस 2019 की धारा 4 और आईपीसी की धारा 294 ,506 बी के साथ ही 23-34 के तहत अपराध दर्ज कर लिया है. मामले की जांच करे मनेन्द्रगढ थाने के सब इंस्पेक्टर साकेत बंजारे ने बताया कि पूरा मामला तीन तलाक औऱ शारीरिक प्रताडना का है. जिस पर अपराध दर्ज कर आरोपी पति को गिरफ्तार कर लिया गया है..

TRIPAL TALAK

मुस्लिम महिला को शारीरिक यातनाए देकर तीन तलाक देने वाला आरोपी पति फिलहाल सलाखो के पीछे हैं. और इस मामले के सामने आने के बाद मुस्लिम समाज की और पीडित महिला भी अपने हक के प्रति जागरुक होगीं.. बहरहाल तीन तलाक की पीडित महिला गर्भवती है और उसके चार बच्चे पहले से हैं.. ऐसे मे पति द्वारा तलाक दिए जाने के बाद उसने पुलिस प्रशासन औऱ शासन से न्याय की गुहार लगाकर .. मुआवजा की मांग की है… तो देखना है इस गुहार के बाद पीडित को कब तक उसका मुआवजा मिल पाता है..