रायपुर. कोटा से लौटे विद्यार्थियों की डिमांड से प्रशासन त्रस्त नजर आ रहा है. छात्रों को प्रदेश के अलग-अलग जगहों पर स्कूलों और हॉस्टलों में क्वॉरेंटाइन किया गया है. इन छात्रों का कहना है कि नेहा अच्छी सुविधा नहीं मिल पा रही है. हॉस्टल की सुविधाओं पर उनके पालक भी असंतुष्ट नजर आए. पलकों का कहना है कि इससे अच्छा तो कोटा ही ठीक था.
इन बच्चों को प्रशासन के क्वारांटाइन में 14 दिनों तक रहना होगा. जिस पर पालक होम क्वॉरेंटाइन चाहते है. पलकों द्वारा समय पर भोजन और नाश्ता नहीं मिलने की शिकायत की गई है. बच्चे और उनके अभिभावक क्वॉरेंटाइन सेंटर में मिल रही सुविधाओं से असंतुष्ट नजर आए. जिस पर प्रशासन ट्रस्ट नजर आ रहा है. प्रशासन ने अब तक इन बच्चों को कोटा से निकालने के लिए लगभग पौने 2 करोड़ रुपए खर्च किए हैं. प्रशासन का कहना है की क्वॉरेंटाइन सेंटर में सभी सुविधाएं उपलब्ध है. और इन बच्चों का अच्छी तरीके से ख्याल रखा जा रहा है.