अम्बिकापुर..(सीतापुर/अनिल उपाध्याय).. अवैध अतिक्रमण के संबंध में तहसीलदार से मिलने गये सत्तापक्ष के नगर पंचायत अध्यक्ष, उपाध्यक्ष एवं पार्षदों ने तहसीलदार पर दुर्व्यवहार करने का आरोप लगा विधायक निवास के सामने धरने पर बैठ गये। इस दौरान नगर प्रवास पर आए खाद्यमंत्री अमरजीत भगत धरना स्थल पहुँचे और अपनी नाराजगी जाहिर करते हुए धरने पर बैठे सत्तापक्ष के अध्यक्ष, उपाध्यक्ष समेत सभी पार्षदो को जमकर फटकार लगाई।
नाराज खाद्यमंत्री ने अधिकारियों को भी जनप्रतिनिधियों का सम्मान करने की नसीहत देते हुये दोनों पक्षो के बीच सुलह कराने का जिम्मा एसडीएम को सौप मैनपाट रवाना हो गए। खाद्यमंत्री की नाराजगी देख जनप्रतिनिधियों ने अपना धरना प्रदर्शन तो समाप्त कर दिया पर तहसीलदार द्वारा किये गए दुर्व्यवहार को लेकर उनमें नाराजगी व्याप्त है।
विदित हो कि अवैध अतिक्रमण के संबंध में तहसीलदार से चर्चा करने बुधवार की सुबह साढ़े दस बजे पार्षद संग नगर पंचायत अध्यक्ष प्रेमदान कुजूर, उपाध्यक्ष परमेश्वर गुप्ता एवं सीएमओ एसके तिवारी विश्रामगृह गये हुये थे। इस दौरान तहसीलदार प्रवीण भगत कार्यालय जाने अंदर तैयार हो रहे थे। तभी दरवाजा खटखटाने की आवाज सुन उन्होंने दरवाजा खोला और नाराजगी जताते हुये जनप्रतिनिधियों से बिना चर्चा किये दरवाजा बंद कर दिया। तहसीलदार का यह व्यवहार जनप्रतिनिधियों को खल गया और उन्होंने तहसीलदार पर दुर्व्यवहार करने का आरोप लगा विधायक निवास के सामने धरना प्रदर्शन पर बैठ गये।
इस दरम्यान नगर प्रवास पर आये क्षेत्रीय विधायक एवं खाद्य मंत्री अमरजीत भगत धरना प्रदर्शन कर रहे जनप्रतिनिधियों को बुलावा भेजा पर वो टस से मस नही हुये और धरना स्थल पर डटे रहे। आखिरकार खाद्य मंत्री धरना स्थल पहुँचे और सरकार के विरुद्ध धरना प्रदर्शन करने की बात कह अपनी नाराजगी जाहिर की और धरना प्रदर्शन कर रहे सत्तापक्ष के जनप्रतिनिधियों को जमकर फटकार लगाते हुये धरना खत्म कराया।
इस दौरान नाराज खाद्य मंत्री ने तहसीलदार पर भी नाराजगी जाहिर करते हुये जनप्रतिनिधियों से सम्मान पूर्वक बात करने की नसीहत देते हुये दोनों पक्षो में सुलह कराने का जिम्मा एसडीएम दीपिका नेताम को सौप मैनपाट के लिये प्रस्थान कर गये। सुलह के दौरान विधायक निवास में दोनों पक्ष एक दूसरे पर आरोप प्रत्यारोप करते रहे बड़ी मुश्किल से दोनों पक्षो में समझौता हो पाया। किंतु जनप्रतिनिधियों में तहसीलदार द्वारा किये गए दुर्व्यवहार को लेकर अभी भी नाराजगी व्याप्त है।
इस दौरान धरना प्रदर्शन में अध्यक्ष प्रेमदान कुजूर, उपाध्यक्ष परमेश्वर गुप्ता, नेता प्रतिपक्ष रूपेश गुप्ता, संयुक्ता गुप्ता, फरजाना बानो, शान्ति देवी, पार्षद भोला मिंज, अंकुर दास, विक्की नामदेव, बसंत तिर्की, राजेश कंदरा, एल्डरमैन रामप्रताप गोयल, बाबू सोनी समेत नगरवासी भी उपस्थित थे।
इस संबंध में नगर पंचायत अध्यक्ष प्रेमदान कुजूर ने कहा कि विश्रामगृह में तहसीलदार का व्यवहार जनप्रतिनिधियों के साथ बिल्कुल अव्यवहारिक था।उन्होंने हमारी बात सुने बिना ही हमे यहाँ से चले जाने को बोल दरवाजा बंद कर दिया। एक लोकसेवक का जनप्रतिनिधियों के साथ यह व्यवहार कतई उचित नही था। इसलिए हम सभी धरने पर बैठे थे ताकि तहसीलदार को अपने किये का अहसास हो।
वही तहसीलदार प्रवीण भगत ने बताया कि वो कार्यालय जाने की तैयारी कर रहे थे। इसी बीच जनप्रतिनिधि मुझसे मिलने आये थे। उनका दरवाजा खटखटाने का अंदाज ठीक नही था, जो मुझे ठीक नही लगा और मैंने उनसे बिना बात किये दरवाजा बंद कर लिया। वैसे भी मैं निवास में कार्यालयीन कामकाज नही करता हूँ।