स्वामी विवेकानंद जंयती पर NSUI की संगोष्ठी

अम्बिकापुर

स्वामी विवेकानंद जी की 153 वीं जयंती को स्थानिय घड़ी चौक में एनएसयूआई कार्यकर्ताओ द्वारा स्वामी विवेकानंद जी की जयंती मनायी गई। इस दौरान स्वामी विवेकानंद जी के प्रतिमा पर माल्यार्पण कर श्रद्धांजलि अर्पित की गई। और उनकी प्रतिमा के समीप संगोष्ठी का आयोजन कर स्वामी जी को याद किया गया।

संगठन के महासचिव आतीफ रजा ने बताया कि स्वामी जी केवल संत ही नहीं देशभक्त, वक्ता, विचारक, लेखक एवं मानव प्रेमी थे। 1899 में कोलकाता मेें भीषण प्लेग फैला स्वामी जी अस्वस्थ होने के बावजूद अपने तन-मन-धन से महामारी से ग्रसित लोगों के सहायता करकेnsui ambikapur symposium. इंसानियत की मिशाल दी। स्वामी जी ने 1 मई 1897 को रामकृष्ण मिशन की स्थापना की थी। स्वामी जी का आदर्श ‘‘ उठो जागो और तब तक न रूको जब तक मंजिल प्राप्त न हो जाये।‘‘ स्वामी जी युवाओं की प्रेरणा स्त्रोत है। स्वामी विवेकानंद जी का जन्मदीन राष्ट्र युवा दिवश के रूप में मनाया जाता है।

इस कार्यक्रम को एनएसयूआई के महासचिव आतीफ रजा के नेतृत्व में किया गया। इस कार्यक्रम में छात्र शाला संगठन के जिलाध्यक्ष आदील रजा, अमित सिंह, प्रिंस विश्वकर्मा, राहुल विश्वकर्मा, अंजर आलम, प्रदीप विश्वकर्मा, रेहान रजा, शिवम गुप्ता, अमित कश्यप, कवलजीत सिंह, अमन सोनी, नवीन तिवारी, अभय, निर्भय, रोहित, रजनीकांत, तुश्वेन्द्र, ब्रिजेश, शुभआशिष, दीपमानष, शुभम, शुभेन्द्र आदि उपस्थित थे।