अंबिकापुर- देश दीपक “सचिन” सरगुजा विश्वविद्द्यालय के नवीन भवन के निर्माण के लिए शासन द्वारा विश्वविद्द्यालय प्रबंधन को दस करोड़ रुपये दिए गए थे..लेकिन वर्षो बीत जाने के बाद भी विश्वविद्द्यालय प्रबंधन भवन निर्माण के लिए एक ईंट भी नहीं जोड़ सका है.. लिहाजा शासन ने विश्वविद्द्यालय प्रबंधन को राशी का उपयोग ना किये जाने के निर्देश दिए है..
वर्ष 2008 में सरगुजा विश्व विद्द्यालय को मान्यता मिली और 2010 में ग्राम भकुरा के समीप 221 एकड़ जमीन भवन निर्माण के लिए शासन द्वारा स्वीकृति प्रदान की गई.. लेकिन आठ वर्ष बीत जाने के बाद भी सरगुजा विश्वविद्द्यालय प्रबंधन ने भवन निर्माण के प्रति कोई भी संजीदगी नहीं दिखाई है.
खबर तो यह भी है की शासन ने दस करोड़ की राशी को सीज करते हुए अब भवन का निर्माण “राष्ट्रीय उच्चतर शिक्षा अभियान” रूसा मद से किये जाने के निर्देश दिए है..लेकिन विश्वविद्द्यालय प्रबंधन अपनी इस नाकामी को स्पस्ट बया नहीं कर रहा है उनका कहना है की शासन ने राशी के उपयोग के लिए अभी मना किया है आगामी आदेश के बाद उक्त राशी का उपयोग किया जा सकेगा.
वही विश्वविद्द्यालय भवन निर्माण में विलंब पर प्रबंधन का पुराना बहाना था की आर्किटेक्ट की नियुक्ति नहीं हुई है लिहाजा शासन के इस फरमान के बाद कुल सचिव ने बताया की आर्किटेक्ट की नियुक्ति कर ली गई है और रूसा से मिले डेढ़ करोड़ रुपये लोक निर्माण विभाग को दे दिए गए.
बहरहाल शासन द्वारा प्राप्त दस करोड़ रुपये को सुरक्षित रखे जाने की बात विश्व विद्द्यालय प्रबंधन कर रहा है जबकी शासन ने इस पैसे उपयोग पर ही रोक लगा दी है.. ऐसे में आठ वर्षो की कछुआ गति से हो रहे भावन निर्माण की इबारत कब तक लिख सकेंगे ये कहा नहीं जा सकता..लेकिन अगर वाकई में विश्वविद्द्यालय का भवन “राष्ट्रीय उच्चतर शिक्षा अभियान” रूसा के पैसो से बनेगा तो इस भवन के निर्माण के रास्ते में अभी बहोत से रोड़े अटकने वाले है.