सूरजपुर : 17 अगस्त को प्रतापपुर के ग्राम अमनदोन निवासी विफल राम प्रजापति ने थाना में रिपोर्ट दर्ज कराया कि इसकी पत्नी धनियो प्रजापति 15 अगस्त के शाम 4 बजे घर से बस्ती तरफ गई थी जो रात तक वापस नहीं लौटी, कभी कभार शराब सेवन कर 1-2 दिन घर नहीं आती थी। इसी कारण उसकी खोजबीन नहीं किया।
17 अगस्त के सुबह पता कर रहा था और खोजते खोजते घर के पीछे पुटुस झाड़ी के पास पहुंचा तो पत्नी की लाश पड़ा मिला। सिर के पीछे एवं दाहिने आंख के पास चोट का निशान है, सूचना पर थाना प्रतापपुर में मर्ग कायम कर शव पंचनामा बाद पीएम कराया गया। जो डॉक्टर के द्वारा मृत्यु की प्रकृति हत्यात्मक लेख करने पर अज्ञात आरोपी के विरूद्व धारा 302, 201 भादवि के तहत मामला पंजीबद्व किया गया।
मामले की सूचना पर पुलिस अधीक्षक भावना गुप्ता ने थाना प्रभारी प्रतापपुर को गंभीरतापूर्वक जांच कर आरोपी की पतासाजी कर जल्द गिरफ्तार करने के निर्देश दिए।
एसडीओपी प्रतापपुर अमोलन सिंह के मार्गदर्शन में प्रतापपुर की पुलिस जांच कर रही थी। इसी दौरान प्रार्थी ने संदेह व्यक्त किया कि इसकी पत्नी शराब पीकर पड़ोस में रहने वाले अपने देवर गेंदाराम के परिवार को गाली-गलौज करती थी। जिस कारण कई वर्षो से बातचीत एवं घर आना-जाना बंद है। संदेह के आधार पर गेंदाराम के लड़के बालक प्रजापति से घटना के बारे में हिकमत अमली से पूछताछ करने पर उसने धनियो बाई की हत्या करना स्वीकार किया।
पूछताछ पर आरोपी ने बताया कि 15 अगस्त के रात्रि करीब 8 बजे यह अपने घर जा रहा था। इसी दौरान मृतिका अपने घर के पीछे से गाली-गलौज कर रही थी। जिसे समझाने गया, समझाने के बाद भी नहीं मानी तब यह उत्तेजित होकर आंगन में पड़े लोहे का रॉड (सब्बल) को उठाकर धनियो बाई के सिर में प्रहार किया। चोट लगने से वह जमीन पर गिर गई इसके बाद पुनः 1 प्रहार और किया जिस कारण धनियो की मौके पर ही मृत्यु हो गई, घटना के बाद शव को छुपाने के उद्धेश्य से कुछ दूरी पर स्थित पुटुश झाड़ी में शव छिपा दिया।
आरोपी बालक प्रजापति की निशानदेही पर घटना में प्रयुक्त लोहे का रॉड (सब्बल) व आलाजरब जप्त कर उसे विधिवत गिरफ्तार कर न्यायिक हिरासत में भेजा गया।
इस कार्यवाही में थाना प्रभारी प्रतापपुर विकेश तिवारी, एसआई नवल किशोर दुबे, एएसआई राजेश तिवारी, प्रधान आरक्षक संतोष सिंह, लखेश साहू, आरक्षक अभय तिवारी, इन्द्रजीत सिंह, मिथलेश गुप्ता, कौशलेन्द्र सिंह, दलसाय कोराम, राजीव लोचन व महिला आरक्षक आशा लकड़ा सक्रिय रहे।