सूरजपुर। आज युवा जनसंवाद में जयनगर हाईस्कूल के बच्चें संयुक्त जिला कार्यालय के कलेक्ट्रेट सभाकक्ष में उपस्थित हुए। कलेक्टर डॉ. गौरव कुमार सिंह व जिला पंचायत सीईओ राहुल देव से सीधे संवाद किया और अपने कैरियर को नई दिशा में कैसे गढ़ना है तथा अपना लक्ष्य निर्धारण कैसे करना है, इस दिशा में रूबरू हुए साथ ही भविष्य दृष्टि युवा सृष्टि कार्यक्रम का उद्देश्य बच्चों के मन से झिझक को दूर कर उनके भविष्य के लिए राह आसान करने के लिए किया जा रहा है।
युवा संवाद में चर्चा करते हुए कलेक्टर ने बच्चों के मन को टटोलते हुए पूछा कि आप सभी एक ही कक्षा पढ़ते है, आपको वही शिक्षक पढ़ाते है। सारी चीजे वहीं फिर आपमें से ही कोई प्रथम आता है और कोई बच्चा फेल हो जाता है। बच्चों ने जवाब में बताया कि ज्यादा मेहनत, पढ़ाई में दिलचस्पी के कारण ऐसा होता है। कलेक्टर ने कहा कि आपने ठीक कहा सफल वही होता है जो ज्यादा मेहनत करता है और उसमें दिलचस्पी रखता है। उन्होंने बताया कि विषय में आपकी दिलचस्पी तभी बढ़ेगी जब आप उसको समय देंगे।
कलेक्टर ने बताए बच्चों को 04 मूलमंत्र –
लक्ष्य का निर्धारण – अपने जीवन में आगे बढ़ने के लिए या कोई कार्य करने से पहले हमें लक्ष्य का निर्धारण करना बहुत आवश्यक होता है। उदाहरण के तौर बताया कि अगर हमें कहीं जाना है तो हम पहले से जगह निर्धारण करते है, और सीधे वहीं के लिए निकल कर अपनी मंजिल की ओर बढ़ते है। उसी प्रकार हमें कुछ करने से पहले लक्ष्य का निर्धारण अतिआवश्क है आपको अपने जीवन में कुछ करना है तो लक्ष्य का निर्धारण कर उस काम को करें ताकि आगे चलकर राह ना भटकना पड़े और मंजिल आसानी से मिल सके।
जिज्ञासा व जानने की प्यास – जिज्ञासा व जानने की प्यास हर किसी को होनी चाहिए जब तक हम किसी भी चीज को जानने की प्यास नहीं रखेंगे उसकी पूर्णतः जानकारी नहीं होगी और हमें जिस चीज को जानना है उसके लिए जिज्ञासा बहुत जरूरी है। जब किसी चीज के बारे में जानेंगे तभी तो उसके प्रति आगे बढ़ेंगे, और जानकारी पूरी होगी। उदाहरण देकर बताया कि एक पेड़ वृक्ष में फल लगा है फल गिरता है तो नीचे क्यों गिरता है ऊपर की ओर क्यों नहीं जाता। ऐसी कई चीज हैं जिसे जानने, समझने और उसी पूरी लगन के साथ समझने के लिए जिज्ञासा होनी बहुत जरूरी है।
अटूट मेहनत – कोई भी कार्य करने के लिए अटूट मेहनत की जरूरत होती है और सफलता तभी मिलती है जब हम अटूट मेहनत करते हैं। उदाहरण देते हुए बताया कि जब हमें हिमालय पर्वत पर जाना है तो उसके लिए अटूट मेहनत की आवश्यकता होती है। उसी प्रकार उच्च अधिकारी बनने के लिए हमें अटूट मेहनत की जरूरत है।
सकारात्क दृष्टिकोण – उन्होंने बताया कि सभी का सकारात्मक दृष्टिकोण होना अपने जीवन के लिए बहुत जरूरी है। हमें हमेशा सकारात्मक विचार के साथ ही आगे बढ़ना ही हमारा लक्ष्य होना चाहिए। साथ ही उन्होंने कहा आप अपने जीवन कुछ बन पाते हो या नहीं बन पाते एक अच्छे नागरिक बनों और सकारात्मक सोंच रखो।
जिला सीईओ ने बच्चों को बताया कि पढ़ाई एक निरनंतर चलने वाली प्रक्रिया है। इसके लिए आपको लगातार मेहनत करने की आवश्यकता है, तभी आप अपने आपको साबित कर पाऐंगे। ऐसा नहीं कि आज आपने 6 घण्टे की पढ़ाई की और अगले दिन कुछ भी नहीं पढ़ा। इसे चरण दर चरण अपनाकर अपने दैनिक जीवन में लाने का प्रयास करें। इसी तरह बच्चों ने जिला सीईओ से नेगेटिवीटी सवाल किया जिस पर जिला सीईओ ने कहा कि आपनेे रामायण महाभारत को देखा व सुना होगा कि ऋषि मुनि कैसे तपस्या करते हैं, कुछ भी हो जाये वे अपने ध्यान में लीन रहते है। उसी प्रकार आपको अपनी पढ़ाई पर ध्यान देते हुए लीन रहने की जरूरत है। एकाग्रचित होकर विषय वस्तु की गहना को सझते हुए पढ़ाई करें।
इसी कड़ी में बच्चों को जनसंवाद कक्ष, वार रूम कम कैरियर संवाद कक्ष, कलेेक्टर कार्यालय कक्ष एवं कलेक्टर कोर्ट रूम का भ्रमण कराते हुए विभिन्न विभागों की कार्ययोजनाओं के बारे में बताया गया। कैरियर संवाद कक्ष के लिए एक नम्बर फ्लैश किया गया है। 8817264311 जिस पर सम्पर्क कर बच्चे कैरियर से संबंधित मार्गदर्शन प्राप्त कर सकते है।
बच्चों का मनोबल बढ़ाने के लिए मल्टीप्लेक्स में सिनेमा दिखाया गया, साथ चिरंजीवी सूरजपुर कार्यक्रम का अवलोकन कराते हुए बच्चों को जिला प्रशासन द्वारा संचालित निःशुल्क अरूणोदय कोचिंग सेंटर में अध्ययनरत छात्रों से रूबरू कराते हुए बच्चों को पढ़ाई के लिए प्रेरित किया गया।
इस दौरान कार्यक्रम के प्रमुख नोडल अधिकारी चन्द्रबेश सिंह सिसोदिया, सुश्री हिना टण्डन नायब तहसीलदार, डीईओ विनोद रॉय, डीएमसी शशीकांत सिंह, बाल संरक्षण अधिकारी मनोज जायसवाल सहित स्कूल के शिक्षक उपस्थित रहे।