सरकारी स्कूल में पढ़..गांव की बेटी ने किया कमाल..जिले का नाम किया रौशन..योग गुरु के हाथों हुई सम्मानित..

सूरजपुर ( आयुष जायसवाल) कहतें हैं अगर किसी लक्ष्य को पानें की चाहत अगर दिल में हो तो उसे आपसे कोई छीन नहीं सकता..हम बात कर रहें हैं..सूरजपुर जिले के एक छोटे से गांव बतरा की रहने वाली कु. भारती राजवाड़े की..जिसनें हायर सेकेण्डरी की परीक्षा में 90.4 प्रतिशत अंको के साथ जिले में प्रथम स्थान प्राप्त किया है..भारती की सफलता की उपलब्धि को छत्तीसगढ़ के एक निजी न्यूज चैनल ने सम्मानित करते हुए..इसका चयन स्वर्णशारदा स्कॉलरशिप के लिए किया है..इस विशेष स्कॉलरशिप योजना के तहत भारती को 50 हजार रूपये की स्कॉलरशिप प्रदान की गई है..भारती के साथ छतीसगढ़ और मध्यप्रदेश के कुल 78 जिले से प्रत्येक टॉपर को सम्मानित किया गया..कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री डॉ.रमन सिंह व योग गुरु बाबा रामदेव थे..अध्यक्षता विधानसभा अध्यक्ष गौरीशंकर अग्रवाल, उच्च शिक्षा मंत्री प्रेमप्रकाश पांडेय, शिक्षा मंत्री केदार कश्यप विशिष्ट अतिथि के रुप में उपस्थित रहे…

बतरा का शासकीय स्कूल पढ़ाई के मामले में हमेशा रहा है सर्वश्रेष्ठ…

भारती किसी निजी स्कूल में नहीं पढ़ी है..अपने गॉव के ही शासकीय हायर सेकेंडरी स्कूल से पढाई की है..अपनी बेहतरीन अनुशासन व पढ़ाई के लिए बतरा हायर सेकेंडरी स्कूल अपनी एक अलग पहचान बना चुकी है..भारती के बारे में प्रचार्या रचना श्रीवास्तव ने बताया कि भारती पढ़ाई के साथ-साथ खेलकूद और अन्य प्रतियोगिताओ में भी भाग लेती थी..भारती 10 वीं की परीक्षा में भी 91.5℅ अंक अर्जित कर पूरे स्कूल में टॉपर रह चुकी है..जानकारी के लिए बता दें..की बतरा हायर सेकेंडरी स्कूल में इस वर्ष हायर सेकेंडरी का परीक्षा परिणाम 84% रहा..जिसमे भारती राजवाड़े के अलावा अनुपलाल पैकरा 89.2% दूसरा स्थान व मनोज कुमार 82.6% तीसरा स्थान प्राप्त किया है..साथ ही इसी स्कूल का हाई स्कूल में परीक्षा परिणाम 94% रहा है..जिसमें 84.16% के साथ सुशांत शर्मा प्रथम व 81.5% के साथ विकेश जायसवाल को द्वितीय स्थान प्राप्त हुआ था..सरकारी स्कूल का तमगा लेकर भी आज बतरा हायर सेकेंडरी स्कूल एक अपनी अलग पहचान बना चुका है..वहीं स्कूल की प्रचार्या रचना श्रीवास्तव ने भारती के इस उपलब्धि उसे शुभकामनाएं दी है..

छोटे किसान परिवार से है भारती…

ज्ञात हो कि भारती एक छोटे किसान परिवार से है व उसके पिता लखन राजवाड़े कृषि कार्य करते हैं..आर्थिक तंगी में जीवन यापन करने के बाद बहुत मुश्किल से पढ़ाई की है..भारती ने अपनी सफलता का श्रेय अपने गुरुजनों.
माता पिता व दादा दादी को दिया है..साथ ही भारती कोटा जाकर नीट की तैयारी करना चाहती है..और चिकित्सक बनकर लोगो की सेवा करना चाहती है..वहीं अपने गांव की बेटी ने टॉप कर पूरे जिले व गॉव का नाम रोशन किया है जिसे लेकर पूरे गॉव में हर्ष व्याप्त किया है…