जंगली हाथियो ने गांव मे किया अतिक्रमण.. ग्रामीण हाड कपा देने वाली ठंड मे रतजगा करने पर मजबूर

SURAJPUR MAI HANTHI, ELEPHANT IN SURAJPUR
ELEPHANT IN SURAJPUR

सूरजपुर से राजेश सोनी की रिपोर्ट

Random Image

सूरजपुर जिले का प्रतापपुर वन परिक्षेत्र इन दिनो जंगली हांथियो के आतंक के चपेट में है,,यहां के कुछ गांव में हांथियो ने करीब बीस दिनो से डेरा जमा रखा है,,आलम ये है कि ग्रामीण अपनी जान माल की रक्षा के लिए कड़ाकडाती ठंड में भी रतजगा करने पर मजबूर हैं,, इतना ही नहीं हाथियो ने अब तक कई एकड़ फसल को अपना निशाना बना लिया है,, लेकिन इसके बावजूद वन अमला इस समस्या के सामने अपनी लाचारी बयां कर रहा है।

बहुत पहले एक हिन्दी फिल्म आया था उसका नाम था हाथी मेरे साथी,,,पर आधुनिक युग मे हाथी इंसान के साथी नही रह गए है,,,
दरअसल जिले के प्रतापपुर विकासखण्ड स्थित सिंघरा गांव समेत आस पास के गांव के ग्रामीणो का जीवन जंगली हाथियो की तबाही के साथ तबाह होता जा रहा है ,,यहां के ग्रामीण पिछले करीब बीस दिन से जंगली हांथीयो के तांडव से परेषान हो चुके है,, हांथी दिन में तो जंगल में

हाथियो की तबाही, हाथियो का तांडव, जंगली हाथियो ने तोडा घर, ELEPHANT IN SURAJPUR
ELEPHANT IN SURAJPUR

रहते हैं लेकिन शाम होते ही भोजन की तलाश मे अपने दल के साथ गांव की तरफ कूच कर जाते है  ,,और फिर रात भर जंगल के हाथी गांव मे इंसान घरो से बाहर नज़र आता है।  हाथियो की मदमस्त चहलकदमी का आलम ये है कि  ,,हांथी अपने सामूहिक परिवार के साथ भोजन जुटाने के लिए गांव के खेतो और ग्रामीणो के घर को अपना निशाना बनाते रहते है  और बेबस ग्रामीण अपने परिवार सहित कड़ाके की ठण्ड मे घर से बाहर रात गुजराने के लिए मजबूर हो जाते है ,,

ग्रामीणो के मुताबिक  वन अमला को हाथियो की चहलकदमी की हर खबर दी जाती है, लेकिन या तो वो आते नही है और आते भी है तो मदद के लिहाज से कुछ कर ही नहीं कर पाते है।

ग्रामिण और वन विभाग के सूत्रो के मुताबिक सिंघरा गांव के आस पास 16 हांथियो का दल है जो पखवाड़े भर से अधिक समय से ग्रामिणो के लिए मूसीबत का सबब बन गए है,, इतना ही नही वन अमले ने इस मसले को लेकर  अपने हांथ खड़े कर दिए है,, जिससे ग्रामीणो मे स्वाभाविक दहशत का आलम साफ देखा जा सकता है।

ELEPHANT IN SURAJPUR,जंगली हाथियो ने सूरजपुर मे मचाई तबाही
जंगली हाथियो ने सूरजपुर मे मचाई तबाही

एक तरफ वन अमला हांथियो के सामने खुद को लाचार बता रहा है,  हांलाकि इस समस्या के लिए वन विभाग की दलीले भी आती है उनके मुताबिक जंगल का दायरा घटने से जंगली हांथी गांव में घुस रहे है।  जबकी जंगल और जंगली जानवरो दोनो की सुरक्षा करने के लिए ही वन विभाग बनाया गया है। हांलाकि वन विभाग का ये रटा रटाया जवाब कई बार सुना गया है,, लेकिन फिलहाल जरुरत है, जंगली जानवरो की सीमा तय करके इंसानी ठिकाने को महफूज करने की। जिससे इंसान भी रह सके और जानवर भी।