10 वर्षों में नहीं बन सका विद्यालय भवन : अधिकारी कभी नही पंहुचे

  • 10 वर्षों तक किसी अधिकारी ने विद्यालय का दौरा नहीं किया
  • नक्सल प्रभावित क्षेत्र की शिक्षा व्यवस्था का बाल बेहाल

बलरामपुर(कुसमी)

Random Image

विकासखण्ड कुसमी के सामरी संकुल केन्द्र अंतर्गत ग्राम करमडीह के शासकीय प्राथमिक शाला भवन का निर्माण कार्य लगभग 10 वर्षो से अधूरा पड़ा है। इस भवन को लेकर किसी अधिकारी ने अभी तक सोचने की जहमत नहीं उठाई है।

जानकारी के अनुसार विगत 10 वर्ष पूर्व प्राथमिक शाला भवन निर्माण हेतु 4 लाख 35 हजार रूपये की लागत की प्रशासकीय स्वीकृति ग्राम पंचायत को एजेंसी बनाकर दी गई थी। किन्तु उस समय तत्कालीन सरपंच श्रीमती मनप्यारी जो वर्तमान में सरपंच चरहत जनकराम की पत्नी है। इसके द्वारा विभिन्न कार्य कर राशि का आहरण कर लिया गया और काम को अधूरा छोड़ दिया। जिसके परिणामस्वरूप छात्र-छात्राओं को परेशानियेां का सामना करना पड़ रहा है। आदिवासी बाहूल्य क्षेत्र में उरांव जनजाति सहित अन्य छात्र-छात्रायें यहां अध्ययनरत हैं। छात्र-छात्राओं की दर्ज संख्या यहां 29 है। सुदूर ग्रामीण अंचल व नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में 10 वर्षों तक किसी अधिकारी ने विद्यालय का दौरा नहीं किया। यह सवाल उस अधूरे भवन को देखकर उठ रहा है। इन सब सवालों के बीच छात्रों का भविष्य भवन निर्माण की वजह से अधर में पड़ा हुआ है। यही हाल रहा तो शिक्षा को लेकर शासन की विभिन्न योजनाओं पर पानी फिरने से कोई नहीं रोकर सकता। इस संबंध में कुसमी के बी.ई.ओ. ने कहा कि मैं स्वयं कई बार विद्यालय का भ्रमण कर चुका हूूं। चूंकि ऐसे प्रकरण बी.आर.सी. देखते हैं और ऐसे समस्त लंबित प्रकरणों में निर्माण एजेंसी से वसूली के लिये एसडीएम कार्यालय में पत्र लगा हुआ है। मामले में कुसमी के एसडीएम ने कहा कि राशि का आहरण कर उसका दुरूपयोग किया गया है। उसकी वसूली की प्रक्रिया लगी हुई है। संबंधित एजेंसियों से वसूली की जा रही है।