आदिवासी अपने जल-जंगल-जमीन के बारे में ख़ुद फ़ैसला ले सकेंगे: भूपेश बघेल

रायपुर । रायपुर विज्ञान महाविद्यालय में पंडित दीन दयाल उपाध्याय आडिटोरियम परिसर में आयोजित विश्व आदिवासी दिवस कार्यक्रम में मुख्य्मंत्री भूपेश बघेल शामिल हुए. इस कार्यक्रम में उन्होंने शहीद वीर नारायण सिंह के चित्र पर माल्यार्पण कर , राज्य गीत के साथ कार्यक्रम शुरू हुआ . मुख्यमंत्री ने सभी को विश्व आदिवासी दिवस की शुभकामनाएं दी. साथ अपने संबोधन करते वक्त कहा कि आदिवासियों के हितों को संरक्षण देने के लिए राज्य में पेसा कानून के नियमों का अनुमोदन कैबिनेट में 8 अगस्त को कर दिया है.राजपत्र में इसका प्रकाशन हो गया है. यह कानून लागू होने से ग्राम सभा का अधिकार बढ़ेगा.साथ ही ग्राम सभा के 50 प्रतिशत सदस्य आदिवासी समुदाय से होंगे.


इस 50 प्रतिशत में से 25 प्रतिशत महिलाएं सदस्य होंगे.गांवों और ग्राम पंचायतों के विकास कार्यो में निर्णय लेने और आपसी विवादों के निपटारे का भी उन्हें अधिकार होगा.पेसा कानून पहले से था , लेकिन इसके नियम नहीं बनने के कारण इसका लाभ प्रदेश के आदिवासियों को नहीं मिल पा रहा था , लेकिन अब वे अपने जल – जंगल – जमीन के बारे में खुद फैसला ले सकेंगे.


कार्यक्रम में अनुसूचित जाति एवं जनजाति विकास मंत्री डॉ . प्रेमसाय सिंह टेकाम , संसदीय सचिव विकास उपाध्याय , गृह निर्माण मण्डल के अध्यक्ष , अनुसूचित जनजाति आयोग के अध्यक्ष भानुप्रताप सिंह , विधायक बृजमोहन अग्रवाल , सर्व आदिवासी समाज के पदाधिकारी और हजारों की संख्या में आदिवासी सामाजिक बंधु उपस्थित थे.