छत्तीसगढ़ में बीजेपी लगातार कांग्रेस सरकार पर ये आरोप लगाती रही है कि सरकार बनने से पहले कांग्रेस ने हाथ में गंगाजल लेकर शराबबंदी की कसम खायी थी, लेकिन प्रदेश के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने इसे सिरे से खारिज किया है। सीएम बघेल का कहना है बीजेपी झूठ बोल रही है, गंगाजल लेकर शराबबंदी के लिए, नहीं बल्कि 2500 रुपये धान के समर्थन मूल्य को लेकर कांग्रेस ने कसम खायी थी। छत्तीसगढ़ विधानसभा के मानसून सत्र के अंतिम दिन शराबबंदी को लेकर 1 जनवरी 2022 को लेकर अशासकीय संकल्प लाया गया था, जिस पर जमकर हंगामा हुआ और विपक्ष ने आरोप लगाया कि गंगाजल लेकर कांग्रेस ने शराबबंदी की कसम खायी थी।
शराबबंदी को लेकर मचे बवाल के बाद सरकार की ओर से मंत्री मोहम्मद अकबर ने जवाब दिया और समितियों के बनाए जाने का जिक्र भी किया। मोहम्मद अकबर ने कहा कि शराबबंदी को लेकर राजनीतिक समिति की बैठक हुई। इसके अलावा प्रशासनिक समिति की भी बैठक हुई। राजनीतिक समिति में बीजेपी, जोगी कांग्रेस और बीएसपी से नाम मंगाए गए थे, लेकिन अब तक नाम नहीं आए। उन्होंने कहा कि इसके साथ ही तीन समितियां गठित की गई हैं, जिनमें अलग-अलग समाज के लोग शामिल हैं। मणिपुर, केरल समेत कई राज्यों में पूर्ण शराबबंदी लागू की गई, लेकिन सफल नहीं हुई। वहीं कोरोना काल में जबकि सब बंद था, सैनेटाइज़र और स्प्रिट पीकर लोगों की मौतें हुई, लेकिन फिर भी पूर्ण शराबबंदी के लिए अध्ययन जारी है।
इधर, सत्र के बाद सीएम भूपेश बघेल ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी झूठ बोलती है कि शराबबंदी के लिए कांग्रेस ने गंगाजल की कसम खायी थी। किसानों को धान का 25 सौ रुपये देने के लिए गंगाजल की कसम थी। हालांकि इस पूरे मामले में बीजेपी सरकार पर हमलावर है और पूर्ण शराबबंदी का वादा पूरा नहीं करने का आरोप लगा रही है।