रायपुर..राहुल गांधी अपने संबोधन में मोदी सरकार पर सीधा हमला बोल रहे हैं। उन्होंने कहा – संसद में मैंने एक उद्योगपति पर निशाना साधा वो उद्योगपति कैसे नंबर वन बन जाते हैं ? एक ही उद्योगपति को सभी देशों में काम मिल जाता है। पीएम मोदी से यही सवाल पूछा अडानी से आपका रिश्ता क्या है ? पूरी मोदी सरकार इस सवाल के बाद अडानी की रक्षा करने लगे। क्या अडानी देश के लिए सबसे बड़े भक्त हैं ? क्या है इस अडानी में कि पूरी मोदी सरकार उसके सपोर्ट में खड़ी हो जाती है। अडानी मामले की जाँच क्यों नहीं हो रही है ? जेपीसी क्यों नहीं बैठाई जा रही है ? अडानी और मोदी एक है, देश का पूरा धन एक व्यक्ति के हाथ में जा रहा है।
हम जब सिर्फ़ ये पूछते कि रिश्ता क्या है? हमारी पूरी की पूरी स्पीच हटा दी जाती है। जब तक अदाणी की सच्चाई सामने नहीं आ जाती हम सवाल पूछते रहेंगे। अदाणी की कंपनी में जो लोग काम कर रहे हैं उनसे मैं कहना चाहता हूँ कि यह कंपनी देश को नुक़सान पहुँचा रही है। आज़ादी की लड़ाई भी एक कंपनी से शुरू हुई थी। उस कंपनी ने भी हिंदुस्तान का सारा धन उठा लिया था, इतिहास रिपीट हो रहा है।देश के ख़िलाफ़ काम हो रहा है। देश के ख़िलाफ़ काम होगा तो कांग्रेस पार्टी खड़ी हो जाएगी। ये पुजारियों की पार्टी नहीं तपस्सियों की पार्टी है। सिर्फ़ चार महीने की तपस्या से सबसे देखा देश में कैसे जान आ गई। तपस्या बंद नहीं होनी चाहिए। हर नेता को इस तपस्या में शामिल होना चाहिये। सबका पसीना निकलना चाहिए। सीनियर नेता बैठे है। तपस्या का प्रोग्राम बनाइए। अपना खून पसीना देश को देंगे। हम जैसे ही तपस्या में खड़े हो जाएँगे पूरा देश इसमें शामिल हो जाएगा।
सावरकर की विचारधारा हैं- जो सबसे मजबूत उसके सामने सर झुका दो।आज केंद्र के मंत्री कहते हैं जो आर्थिक रूप से मजबूत देश है उसके सामने टिक नहीं सकते। क्या है देश भक्ति है, यह राष्ट्रवाद है? यह तो सावरकर की विचारधारा है। भाजपा सत्ताग्राही पार्टी है। सत्ता के लिए किसी के सामने झुक जाएगी।
कांग्रेस के राष्ट्रीय अधिवेशन में राहुल गांधी ने अधिवेशन को संबोधित करते हुए कहा – कश्मीर किसी को पत्थर लगता है, बाकी लोग खुश क्यों होते हैं ? समझ नहीं आता. कश्मीर घुसते हैं तो 40 हजार लोग हमारे साथ जुड़ने के लिए खड़े थे। पुलिस के लोग भीड़ देख गायब हो गए। कश्मीर के लोग तिरंगा उठाकर स्वगात कर रहे थे।
आंतकी प्रभावित इलाका जिसे कहा जाता है उस इलाके के युवाओं के हाथ में तिरंगा था। सीआरपीएफ के लोग भी इसे देखकर आश्चयचकित थे। भारत के प्रधानमंत्री कहते हैं कि मैंने भी लाल चौक पर तिरंगा फहराया था,
मुझे लगता है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी फर्क अभी तक समझ नहीं आया
कांग्रेस और भाजपा में क्या फर्क समझिए। हमें तिरंगे की भावना वहां के युवाओं में डाल दी। कश्मीर के लोग ने मुझसे कहा आपने अपना दिल हमारे लिए खोले, हम अपना दिल तिरंगा खोल दिया है, यह काम भारत जोड़ो यात्रा ने किया। यह राहुल गांधी ने नहीं कार्यकर्ताओं, जनता ने किया है।