Godhan Nyay Yojana: छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल आज यानी 5 फरवरी को मुख्यमंत्री निवास कार्यालय में गोधन न्याय योजना के राशि अंतरण करेगें। इसके लिए वर्चुअल कार्यक्रम आयोजित किया गया हैं। इसके जरिए से पशुपालक ग्रामीणों, गौठानों से जुड़ी महिला समूहों और गौठान समितियों को 8 करोड़ 23 लाख रूपए की राशि ऑनलाइन जारी करेंगे। जिसमें 15 जनवरी से 31 जनवरी तक गौठानों में पशुपालक ग्रामीणों, किसानों, भूमिहीनों से क्रय 2.38लाख क्विंटल गोबर के एवज में 4 करोड़ 76 लाख रूपए। गौठान समितियों को 2.04 करोड़ रूपए और महिला समूहों को 1.43 करोड़ रूपए की लाभांश राशि शामिल हैं।
यह उल्लेखनीय है कि, गोधन न्याय योजना के तहत गोबर खरीदी के एवज में विक्रेताओं को अंतरित की जाने वाली 4.76 करोड़ रूपए की राशि में से मात्र 1.98 करोड़ की राशि कृषि विभाग द्वारा तथा 2.78 करोड़ रूपए का भुगतान स्वावलंबी गौठानों द्वारा किया जाएगा। गौरतलब है कि राज्य में अब तक 4927 गौठान स्वावलंबी हो चुके हैं, जो स्वयं की जमा पूंजी से गोबर क्रय करने लगे हैं। स्वावलंबी गौठानों द्वारा अब तक 40.49 करोड़ रूपए का गोबर स्वयं की राशि से क्रय कर भुगतान किया गया हैं।
गोधन न्याय योजना के हितग्राहियों को 403.58 करोड़ का भुगतान
गोधन न्याय योजना के तहत् राज्य में हितग्राहियों को 395 करोड़ 35 लाख रूपए का भुगतान किया जा चुका हैं। 5 फरवरी को 8.23 करोड़ के भुगतान के बाद ये आंकड़ा 403 करोड़ 58 लाख रूपए हो जाएगा। यह उल्लेखनीय हैं कि छत्तीसगढ़ राज्य में 20 जुलाई 2020 से गोधन न्याय योजना के तहत 2 रूपए किलो में गोबर की खरीदी की जा रही हैं। राज्य में 31 जनवरी 2023 तक 103.25 लाख क्विंटल गोबर की खरीदी की गई हैं। गोबर विक्रेताओं से 15 जनवरी तक क्रय कर दी गई हैं। गोबर के एवज में 201.73 करोड़ रूपए का भुगतान किया जा चुका हैं। 5 फरवरी को गोबर विक्रेताओं को 4.76 करोड़ रूपए के भुगतान के बाद यह आंकड़ा 206 करोड़ 49 लाख रूपए हो जाएगा। गौठान समितियों एवं महिला स्व-सहायता समूहों को 175 करोड़ 64 लाख रूपए का भुगतान किया जा चुका हैं। गौठान समितियों तथा स्व-सहायता समूह को 5 फरवरी को 3.47 करोड़ रूपए के भुगतान के बाद ये आंकड़ा बढ़कर 179.11 करोड़ रूपए हो जाएगा।
गोबर से 17936 लीटर प्राकृतिक पेंट निर्मित।
9622 लीटर प्राकृतिक पेंट के विक्रय से 22.51 लाख से अधिक की आय।
गोबर से प्राकृतिक पेंट बनाने की 12 इकाईयां में उत्पादन शरू।
गौठानों में अब तक 1 लाख 26 हजार 858 लीटर गौमूत्र क्रय।
ब्रम्हास्त्र और जीवामृत की बिक्री से 25.74 लाख की आय।