रायपुर। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने देश के 17 राज्यों के मुख्यमंत्रियों को पत्र लिखकर अनुरोध किया है कि, केंद्र सरकार से क्षतिपूर्ति दस वर्ष तक जारी रखने के लिए साझा आग्रह किया जाए। दरअसल केंद्र सरकार ने निर्णय लिया है कि, जून, 2022 के बाद राज्यों को दी जाने वाली जीएसटी की क्षतिपूर्ति बंद कर दी जाएगी।
सीएम भूपेश बघेल का कहना है कि केंद्र सरकार के इस फैसले से उत्पादक राज्यों को राजस्व की भारी हानि होगी। ऐसे में उन्होंने केंद्र से जीएसटी (GST) क्षतिपूर्ति जारी रखने या वैकल्पिक व्यवस्था बनाने का आग्रह किया था।
क्या था मामला?
हाल ही में संसद के बजट सत्र के दौरान वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि वस्तु एवं सेवा कर (GST) परिषद को लेकर किसी भी तरह की राजनीति नहीं की जानी चाहिए क्योंकि यह बिना किसी भेदभाव के पूर्व निर्धारित फार्मूले के तहत काम करती है। मंत्री निर्मला सीतारमण ने ये भी कहा कि जीएसटी लागू होने के कारण राजस्व के किसी भी नुकसान के लिए राज्यों को 5 वर्ष के लिए क्षतिपूर्ति के भुगतान के उद्देश्य से, जीएसटी (राज्यों को क्षतिपूर्ति) अधिनियम, 2017 की धारा 8 के तहत चुनिंदा वस्तुओं पर जीएसटी क्षतिपूर्ति उपकर लगाया जाता है।
उन्होंने कहा कि, केंद्र भी क्षतिपूर्ति कोष में उपलब्ध राशि के आधार पर राज्यों को नियमित जीएसटी क्षतिपूर्ति जारी करता रहा है ताकि जीएसटी राजस्व की कमी की भरपाई की जा सके। वहीं वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने कहा था कि, राज्यों को मुआवजे की अवधि 5 साल है और केंद्र सरकार 2022 तक राज्यों को मुआवजा देने के लिए प्रतिबद्ध है।