रायपुर. विधानसभा के बजट सत्र में राज्यपाल के अभिभाषण पर चर्चा जारी है। बीजेपी विधायक बृजमोहन अग्रवाल ने कहा- सरकार को शर्म आनी चाहिए। छत्तीसगढ़ की विधानसभा में बहुमत का आपातकाल है। सदन में विपक्षी खड़े होकर बोल नहीं सकते। मंत्री खड़े होकर टोकते है। यहाँ हत्या पर चर्चा नहीं हो सकती, बेरोज़गारों को लेकर चर्चा नहीं हो सकती। जब सरकार संविधान को नहीं मानती फिर राज्यपाल के अभिभाषण पर चर्चा कराने का क्या औचित्य? अनुच्छेद 63 के तहत राज्यपाल को नोटिस जारी नहीं की जा सकती। सरकार को शर्म आना चाहिए कि राज्यपाल के विरुद्ध याचिका लगाई गई।
संसदीय कार्यमंत्री रवींद्र चौबे ने कहा- किसे शर्म आनी चाहिए? हाईकोर्ट ने नोटिस जारी किया था,
बृजमोहन अग्रवाल ने कहा- उस न्यायाधीश को भी शर्म आनी चाहिए, जिसने नोटिस जारी किया है, इस सदन में मुझे ये कहने में कोई आपत्ति नहीं है। हाईकोर्ट के चीफ़ जस्टिस को राज्यपाल शपथ दिलाते हैं। राज्यपाल के अभिभाषण पर जिन्होंने कृतज्ञता ज्ञापन प्रस्ताव रखा, उन्होंने ही राज्यपाल को बीजेपी का एजेंट बताया था। ये सरकार बहुमत के बोझ से चरमरा गई है। अपने ही बोझ से दब चुकी है। कलेक्टरों और एसपी को निर्देश है कि किस विधायक का काम करना है और किसका नहीं करना है।
संस्कृति की बड़ी बड़ी बात की जा रही थी। बस्तर में क्या हो रहा है? बस्तर में बुजुर्गों को दफ़नाया जा रहा है।छत्तीसगढ़ की मूल संस्कृति आदिवासी संस्कृति है। कवर्धा में कल एसपी समेत 25 पुलिसकर्मियों का सिर फूटा है।
बृजमोहन ने कहा – क्या हो रहा है बस्तर में, शमशान घाट में। बुजुर्ग को दफनाने नहीं दे रहे है। छत्तीसगढ़ की मूल संस्कृति आदिवासी है। मंत्री कवासी लखमा ने बस्तर के मुद्दे पर बृजमोहन के दावे को खारिज किया। लखमा ने कहा बस्तर में कौन रहता है। मैं कि तुम। मेरे बाप दादा वहीं पैदा हुए और रहे।
बृजमोहन ने कहा मैं तुम से ज्यादा बस्तर घुमा हूं। लिस्ट दे सकता हूं। इस पर सदन के अंदर लखमा और बृजमोहन के बीच नोकझोंक होता रहा। नेता प्रतिपक्ष नारायण चंदेल ने इसपर आपत्ति की। उन्होंने कहा ऐसे सदन चलेगा क्या।
सदन में गहमागहमी के बीच कार्रवाई दस मिनट के लिए स्थगित –
सदन की कार्यवाही शुरू होने बाद बृजमोहन अग्रवाल ने कहा- सुकमा का एसपी, बस्तर का आईजी कहता है कि स्थिति संभलेगी नहीं तो हालत विस्फोटक हो जाएगा। बस्तर में धर्मांतरण से जुड़े 80 प्रकरण दर्ज होते हैं लेकिन कार्रवाई नहीं होती। छत्तीसगढ़ में तो अब धान की मिलिंग पर भी वसूली शुरू हो गई है। ये सब भूल गए हैं कि राज्य में अभी ईडी है, आईटी है।
रायपुर के गुढ़ियारी में सरे राह एक बच्ची के बाल खींचकर गंडासा लेकर आरोपी खुलेआम घूम रहा था. क्या किसी को तकलीफ़ हुई. हम कहाँ जा रहे हैं. ऐसा क्यों हो रहा है. ऐसा इसलिए हो रहा है क्योंकि थाने की बोली लग रही है.
चरस जैसी नशीली चीजों की लत युवाओं को लगाया जा रहा है. मैंने ख़ुद एसपी- आईजी को बताया है लेकिन कार्रवाई नहीं हुई।
पूरे देश में सबसे ज्यादा नक्सल घटना छत्तीसगढ़ में हो रही है. आंध्रप्रदेश में 18 तो छत्तीसगढ़ में 300 से ज्यादा होती है. लोकतंत्र ख़तरे में हैं. पंच सरपंच इस्तीफ़ा दे रहे हैं। बीजेपी के चार कार्यकर्ताओं की हत्या हो गई लेकिन सरकार के एक मंत्री ने भी दो शब्द नहीं कह। हाथियों का शिकार ऐसे हो रहा है जैसे चूहों को मारा जा रहा हो. कभी करंट से कभी ज़हर से हाथी की मौत हो रही है. लेकिन एक भी हाथी की मौत की रिपोर्ट नहीं आई।जंगलों में एक विशेष वर्ग का राज हो गया है. ये जंगलों को तबाह कर रहा है.
आदिवासी संस्कृति जीवित रहेगी. अगर जंगल बचे रहेंगे. जंगल नहीं बचेंगे तो आदिवासी संस्कृति कैसे बच पाएगी. छत्तीसगढ़ को बाबाजी का ठुल्लू बनाने का काम छत्तीसगढ़ की सरकार कर रही है. छत्तीसगढ़ में एक भी सरकारी हॉस्पिटल ऐसा नहीं है, जहां ओपन हार्ट सर्जरी हो सके। रायपुर शहर में अवैध प्लाटिंग हो रही है. भू माफिया सक्रिय हैं. नये आईपीएस नये आईपीएस आते थे तो जज़्बा होता था काम का. अब नये आईएएस पहले दिन से कमाने में ध्यान दे रहे हैं. जिस दिन आईएएस, आईपीएस करप्ट हो जाएगा उस दिन देश को कोई नहीं बचा पाएगा. जूनियर से जूनियर आईएएस आईपीएस वहाँ जाना चाहता है जहां कोयला है, जहां डीएमएफ़ है.